उज्जैन केस: बच्ची का परिवार बोला- पेपर देने निकली थी, फिर लौटी नहीं

विकास पांडे, सतना

पिता – मजदूर
माता – काफी पहले छोड़ कर चली गई थीं
बाबा – बकरी पालन का काम करते हैं
भाई – 12 साल का है, पढ़ाई करता है

यह परिवार उस मासूम बच्ची का है जिसने मध्य प्रदेश के उज्जैन में बर्बरता झेली. घंटों मदद के लिए भटकी, फिर भी किसी को दया नहीं आई. बच्ची की घर की हालत बेहद खराब है. दो वक्त की रोटी के लिए परिवार को काफी जद्दोजहद करनी पड़ती है. घर की सारी जिम्मेदारी बुजुर्ग दादा के कंधों पर है. उसका 12 साल का भाई घटना से पूरी तरह अंजान घर में अकेला है. पिता मजदूर है और नशे के आदि हैं. उनकी मानसिक स्थिति भी सही नहीं रहती. बच्ची का घर सतना जिले में है. उसके परिवारजनों ने लोकल 18 से बातचीत में बताया कि बच्ची का बचपन से मानसिक संतुल सही नहीं था. गांव की ही ग्राम पंचायत, जो की डेढ़ किलोमीटर दूर है, वहीं मझगवां के माध्यमिक शाला में 8वीं की पढ़ाई करती थी. पढ़ने लिखने में सही नहीं थी, फिर भी बच्चों के साथ स्कूल जाया करती थीं.

बच्ची के छोटे बब्बा ने बताया कि गांव की ही कुछ लड़कियां गांव से लगभग 25 से 30 किलोमीटर दूर पेपर देने गई थी. ठीक उसी समय वो भी घर से निकली. गांव की ही सड़क के पास उसके दादा ने उसे देखा और घर जाने को बोला, लेकिन कुछ समय बाद फिर से निकल गई और पूरा दिन लौटकर नहीं आई. इसके बाद काफी खोज खबर ली गई, पर फिर भी बच्ची नहीं मिली. 24 सितंबर को जैतवारा थाने गए, लेकिन पुलिस ने शिकायत दर्ज करने से मना कर दिया. अगले दिन आने को कहा. फिर खबरों से पता चला कि बच्ची के साथ ऐसी घटना हुई है.

ये भी पढ़ें: Ujjain Rape: रेलवे स्टेशन पर मिली थी बच्ची, खंगाले 500 CCTV, फिर ‘अर्जुन डार्लिंग’ ने पुलिस को रेपिस्ट तक पहुंचाया

गांव वालों ने दी प्रदर्शन की चेतावनी
गांव के लोग चाहते हैं कि जल्द से जल्द गुनहगारों की गिरफ्तारी हो. दोषियों को फांसी की सजा मिले. इतना ही नहीं ग्रामीणों ने जैतवारा थाने की पुलिस पर भी कार्रवाई की मांग की है ताकि किसी और के साथ पुलिस ऐसे पेश न आए. आरोपियों को जल्द से जल्द सजा नहीं मिली तो प्रर्दशन की चेतावनी भी ग्रामीणों ने दी है.

Tags: Mp news, Ujjain news

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *