ईरान पर नए प्रतिबंध लगाने की तैयारी में अमेरिका, मिडिल ईस्ट में तनाव बढ़ने की संभावना

ईरान पर नए प्रतिबंध लगाने की तैयारी में अमेरिका, मिडिल ईस्ट में तनाव बढ़ने की संभावना

नई दिल्ली:

इजरायल और हमास के बीच युद्ध (Israel Hamas War) गहराता जा रहा है और इसके साथ ही पूरे मिडिल ईस्ट के देशों में राजनयिक तनाव भी बढ़ता जा रहा है. इस बीच अमेरिका ने संकेत दिया है कि वो ईरान पर नए प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहा है, और हमास और हिज़बुल्लाह के खिलाफ भी प्रतिबंध को और सख्त बनाने की तैयारी में है. इजरायल-हमास युद्ध के सामरिक असर का  दायरा बढ़ता जा रहा है. 

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अमेरिका ने क्या कहा?

हमास को ईरान द्वारा मदद दिए जाने को लेकर उठ रहे सवालों के बीच अमेरिका की ट्रेज़री सेक्रेटरी जेनेट येलेन ने संकेत दिया है कि अमेरिका ईरान पर नए प्रतिबन्ध लगा सकता है. मोरक्को के मराकेश में वर्ल्ड बैंक और IMF के सालाना बैठक के साइडलाइन्स पर अमेरिकी ट्रेज़री सेक्रेटरी ने ये संकेत दिया.  जेनेट येलेन ने कहा कि अमेरिका हमेशा नयी सूचनाओं की समीक्षा करता रहता है जिसके आधार पर प्रतिबंधों को और कड़ा करने का औचित्य साबित किया जा सके, और हम ऐसा करना जारी रखेंगे. जेनेट येलेन ने कहा कि मैं भविष्य की संभावित कार्रवाइयों के संदर्भ में कुछ भी नहीं बताऊंगा, लेकिन मैं निश्चित रूप से उस स्थिति से आगे नहीं बढ़ना चाहता जहां हम अभी हैं. हमने किसी भी तरह से ईरानी तेल पर अपने प्रतिबंधों में ढील नहीं दी है. 

ईरान की तरफ से हमास के पक्ष में दिए गए हैं बयान

ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला सैय्यद अली खामेनेई ने हमास के हमले पर जारी बयान में मंगलवार को कहा था कि हम फिलिस्तीनी प्रतिरोध का समर्थन करते हैं, लेकिन जो लोग कहते हैं कि हाल का ऑपरेशन गैर-फिलिस्तीनियों द्वारा किया गया है, वे गलत हैं. हमास द्वारा इज़राइल पर 7 अक्टूबर को किए गए हमले के बाद ईरान की इस प्रतिक्रिया के बाद अटकलें तेज हैं कि अमेरिका ईरानी तेल निर्यात पर अपने प्रतिबंध और कड़े कर सकता है.  ख़बरों के मुताबिक अमेरिका हमास और लेबनानी आतंकवादी समूह हिजबुल्लाह पर भी प्रतिबंध कड़े करने की योजना बना रहा है. 

जेनेट येलेन, ट्रेज़री सेक्रेटरी, अमेरिका ने कहा कि हमारी तरफ से हमास, हिजबुल्लाह पर प्रतिबंध हैं, साथ ही हम लगातार इस पर नजर बनाए हुए हैं. प्रतिबंधों को और अधिक कड़ा करने पर विचार कर रहे हैं. इजराइल पर हमास के हमले के बाद शुरू हुआ युद्ध का साया पूरे मिडिल ईस्ट रीजन पर गहराता जा रहा है. इस अनिश्चितता के माहौल में अमेरिका ने अगर प्रतिबंध को और सख्त बनाने का फैसला करता है तो इससे क्षेत्र में तनाव और बढ़ सकता है. 

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