प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में पूछताछ के लिए तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के वरिष्ठ नेता अभिषेक बनर्जी को तीन अक्टूबर को तलब किया है।
इस पर प्रतिक्रिया जताते हुए टीएमसी ने कहा कि यह उस दिन नयी दिल्ली में पार्टी की निर्धारित रैली को बाधित करने की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की चाल है। बनर्जी ने दावा किया कि इस कदम ने भाजपा के डर को उजागर किया है। मनरेगा के तहत राज्य का बकाया रोकने के केंद्र के फैसले के खिलाफ बनर्जी का तीन अक्टूबर को राष्ट्रीय राजधानी में एक रैली का नेतृत्व करने का कार्यक्रम है।
टीएमसी महासचिव बनर्जी ने केंद्रीय एजेंसी द्वारा उन्हें भेजे गए पत्र को ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर साझा किया।
बनर्जी ने कहा, ‘‘इस महीने की शुरुआत में, ईडी ने मुझे दिल्ली में विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ की एक महत्वपूर्ण समन्वय बैठक के दिन तलब किया था। मैंने समन का पालन किया और उपस्थित हुआ था।’’
बनर्जी ने पोस्ट किया, ‘‘अब एक बार फिर, आज उन्होंने मुझे उस दिन पेश होने के लिए एक और समन भेजा है जब पश्चिम बंगाल के वाजिब बकाये के लिए तीन अक्टूबर को दिल्ली में विरोध प्रदर्शन होना है। यह उन लोगों की हताशा को उजागर करता है जो वास्तव में परेशान, डरे हुए हैं।’’
आरोपों पर प्रतिक्रिया जताते हुए भाजपा ने कहा कि केंद्रीय एजेंसियों को किसी को भी बुलाने से पहले टीएमसी से सलाह लेने की जरूरत नहीं है।
बनर्जी, पार्टी के अन्य सांसदों, विधायकों और नेताओं के साथ दो अक्टूबर को महात्मा गांधी की जयंती पर राष्ट्रीय राजधानी स्थित राजघाट पर बापू को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।
टीएमसी का एक प्रतिनिधिमंडल तीन अक्टूबर को केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह से मिलेगा और उनके सामने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) कार्यक्रम के तहत ‘‘बकाया जारी न करने’’ का मुद्दा उठाएगा। पश्चिम बंगाल के सत्तारूढ़ दल ने दावा किया कि भाजपा नयी दिल्ली में टीएमसी के कार्यक्रम से डरी हुई है और लोगों की आवाज दबाने की कोशिश कर रही है।
टीएमसी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘भाजपा और कितने निचले स्तर पर पहुंचेगी? पहले, आप बंगाल के लोगों का उचित बकाया रोकते हैं और उन्हें प्रताड़ित करते हैं।
अब, आप तीन अक्टूबर को अपने पिंजरे में बंद तोते ईडी के माध्यम से टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी को बुलाकर हमारे लोगों की आवाज को दबाने की कोशिश कर रहे हैं, जिस दिन दिल्ली में एक विरोध प्रदर्शन होना है।’’
उच्चतम न्यायालय ने 2013 में कोयला क्षेत्र लाइसेंस के आवंटन में कथित अनियमितताओं की जांच के संबंध में हस्तक्षेप के सबूतों का हवाला देते हुए एक अन्य केंद्रीय जांच एजेंसी, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को ‘‘पिंजरे में बंद तोता’’ कहा था। उस समय केंद्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाला संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सत्ता में था।
टीएमसी ने पोस्ट में कहा, यह देखने से ज्यादा शर्मनाक कुछ नहीं है कि कैसे दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्रों में से एक को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन में मिट्टी में मिला दिया गया। लेकिन हमेशा की तरह, हम लड़ेंगे।’’
भाजपा ने टीएमसी के आरोपों को खारिज कर दिया। भाजपा के वरिष्ठ नेता राहुल सिन्हा ने कहा, ‘‘अगर अभिषेक बनर्जी और टीएमसी किसी से नहीं डरते हैं, तो वे ईडी के सामने पेश होने से क्यों डर रहे हैं? केंद्रीय एजेंसी ने अभिषेक बनर्जी को उसके सामने पेश होने के लिए कहकर सही किया है।’’
बनर्जी से ईडी ने 12 सितंबर को शिक्षक भर्ती घोटाले में लगभग नौ घंटे तक पूछताछ की थी। बनर्जी ने उस समय दावा किया था कि पूछताछ उन्हें विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ की समन्वय समिति की बैठक में भाग लेने से रोकने का प्रयास था।
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