ऋषभ चौरसिया/लखनऊः आधुनिकता के युग में, बच्चे अधिकांश वक्त मोबाइल फोन और गैजेट के साथ बिताते हैं, लेकिन लखनऊ के इस बच्चे को खेलने और खुदने की बजाय अपना समय रंग-बिरंगे रंगों के पेंसिल और पेपर के साथ बिताना पसंद है. इसी के परिणामस्वरूप, 7 वर्षीय विवान कपूर ने अपनी पेंटिंग प्रदर्शनी आयोजित की है और उनकी कला को देखकर सभी हैरान हुए. उनकी कला ने लोगों पर प्रभाव डाला और उन्हें बधाई मिली. मजेदार बात है कि इतनी छोटी उम्र में विवान ने इतना उच्च स्तर पर कला का प्रदर्शन किया.
विवान छोटी सी उम्र में भारतीय पारंपरिक लोक कलाओं को बनाने में रुचि रखता है और इसी पर आधारित 25 पेंटिंग्स का प्रदर्शन किया है, जैसे कि मधुबनी, वरली और गोंड कला.इसके अतिरिक्त, विवान ने अपनी कला को विस्तार दिया कुछ अन्य कला माध्यमों के साथ, जैसे कि पेंसिल स्केचिंग और शेडिंग, मिक्स्ड मीडिया और फिंगर पेंटिंग आदि.
3 साल की उम्र में कला की शुरुआत
विवान की मां प्रताक्षी कपूर ने बताया कि जब विवान 3 साल का था. तबसे उसने कला में रुचि दिखाना शुरू किया और वह बचपन से ही कलर और पेंसिल के साथ खेलता रहता था और पेपर पर कुछ ना कुछ बनाया करता था. विवान की आर्ट के प्रति लगाव देखकर समझ आया था कि विवान की प्रतिभा कला के क्षेत्र में है.
आर्टिस्ट पंकज का रहा योगदान
प्रताक्षी ने विवान को शहर में प्रसिद्ध कलाकार पंकज गुप्ता के पास एडमिशन दिलवाया, ताकि वह अपनी कला शैली को विकसित कर सके और सीख सके.पंकज गुप्ता ने बताया कि विवान उनके पास एक बीज की तरह आया था और उनकी कोशिश इसे पौधा बनाने की थी. विवान इतना प्रतिभाशाली है कि मैं खुद हैरान रह गया कि उसे आर्ट के बारे में इतना ज्ञान है. उसे सिर्फ मार्गदर्शन की जरूरत थी, बाकी प्रतिभा ईश्वर द्वारा प्रदत्त है. सबसे खास बात यह है कि इस उम्र में विवान अपनी कला के माध्यम से बड़े-बड़े कलाकारों को टक्कर देता है.
देखने वालो ने तारीफ की
विवान की पेंटिंग प्रदर्शनी में आने वालों का यही कहना है कि यह सिर्फ 7 साल के बच्चे का काम है. इस तरह की पेंटिंग पेशेवर कलाकारों बनाते हैं, इस बच्चे की सभी ड्राइंग कुछ ना कुछ संदेश देती है और इसने पेंटिंग में काम को काफी बारीकी से किया है. उसकी प्रतिभा और कला क्षमता ने लोगों को प्रभावित किया है और उसे बहुत सराहा जा रहा है.
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FIRST PUBLISHED : October 28, 2023, 20:51 IST