अरशद खान/देहरादून:होली के त्यौहार पर आपने अक्सर केमिकल रंगों का उपयोग होते हुए देखा होगा. यह रंग न सिर्फ आपकी स्किन को नुकसान पहुंचाते हैं बल्कि आपकी सेहत के लिए भी बेहद नुकसानदायक होते हैं. यदि आप अपनी स्किन को कैमिकल युक्त रंगों से बचना चाहते हैं तो इस होली पर ऑर्गेनिक रंगों का इस्तेमाल कर सकते हैं.
लोकल 18 से बातचीत में डायमंड शिक्षा प्रचार समिति नीति आयोग द्वारा रजिस्टर्ड वीआईएसओ प्राप्त समिति की प्रदेश अध्यक्ष आशा सेमवाल कहती हैं कि उनके द्वारा होली के ऑर्गेनिक कलर की ट्रेनिंग 4 साल से लगातार दी जा रही है. अब तक वह 1580 महिलाओं को ट्रेनिंग दे चुकी हैं और यह अभियान अभी जारी है. वह हर साल होली के प्राकृतिक रंग बनाने का काम करती हैं और उन्हें मार्केट और आसपास के क्षेत्रों में बेचती भी हैं.
इन चीजों से बनेंगे होली के प्राकृतिक रंग
होली के प्राकृतिक रंग बनाने के लिए गुलाब के फूल की पंखुड़ियां गेंदे का फूल, लाल चंदन पाउडर, अनार के छिलके, मुल्तानी मिट्टी, हल्दी पाउडर, पुदीना, धनिया, पालक आदि चीजों का इस्तेमाल किया जा सकता है. यह चीज आपको आसानी से अपने घर में मिल जाएंगी.
कैसे तैयार होते हैं होली के प्राकृतिक रंग
होली पर लाल और गुलाबी रंग को लोग ज्यादा पसंद करते हैं. लाल और गुलाबी रंग को घर पर बनाने के लिए आप लाल चंदन पाउडर व गुलाब की पंखुड़ियां का इस्तेमाल कर सकते हैं. गुलाब के फूलों की पंखुड़ियों को सुखाकर, मसलकर पाउडर बना लें और थोड़ा इसमें चंदन पाउडर भी मिला लें. इससे आपका लाल रंग तैयार हो जाएगा. इसे गुलाबी रंग देने के लिए इसमें थोड़ा सा गेहूं का आटा मिला दें.
पानी वाले होली के प्राकृतिक रंग
यदि आपको होली के पानी वाले प्राकृतिक रंग बनाने हैं तो आप अनार के छिलकों का इस्तेमाल कर सकते हैं. अनार के छिलकों को पानी में डालकर उबाल दें, रातभर रखा रहने दें. सुबह तक आपका लाल रंग तैयार हो जाएगा. ये आपकी स्किन को कई तरह से फायदा भी पहुंचाएगा.
यह हैं प्राइज
होली के प्राकृतिक रंग मार्केट में आपको महंगे दामों पर मिलेंगे लेकिन नहीं आशा समूह से यह प्राकृतिक रंग आप ₹30 से लेकर 100 रुपए तक के पैकेट में खरीद सकते हैं. प्राकृतिक रंग खरीदने के लिए आप इस पते पर संपर्क कर सकते हैं. वार्ड नंबर 3, सेमवाल हाउस, निकट भट्ट बंधु शॉप, बारुवाला, डोईवाला, देहरादून.
.
Tags: Hindi news, Holi, Local18
FIRST PUBLISHED : February 21, 2024, 15:09 IST