परमजीत सिंह/टोहाना: गाय को सनातन धर्म में मां का दर्जा दिया गया है. माना जाता है कि गाय के शरीर में सभी देवी-देवताओं का वास होता है. घर में पहली रोटी भी गाय के लिए निकालते हैं ताकि सभी देवी-देवताओं को भोग लगाया जा सके. यह हमारी संस्कृति का भी हिस्सा है. लेकिन आज हम इसे कहीं ना कहीं भूलते जा रहे हैं. ऐसे में हमें हमारी संस्कृति और संस्कारों को जिंदा रखने के लिए इन्हें आने वाली पीढ़ी तक पहुंचाना जरूरी है. इसी दिशा में काम कर रही है टोहाना की शिव नंदी गौशाला.
एसएस पब्लिक स्कूल से मुहिम की शुरुआत
शिव नंदी गौशाला ने टोहाना के एसएस पब्लिक स्कूल से एक मुहिम की शुरुआत की है. यह मुहिम है कि पहली रोटी गाय के लिए, जिसके चलते स्कूल के बच्चे अपने घर से पहली रोटी गाय माता के लिए लेकर आ रहे हैं. स्कूल में इकट्ठा की गई रोटियां शिव नंदी गौशाला में पहुंचाई जाएंगी. यह रोटियां गोवंशों के भोजन के लिए काम में लाई जाएंगी.
बच्चों में दान का संस्कार जरूरी
शिव नंदी शाला के संयोजक धर्मपाल सैनी ने बताया कि पहली रोटी गाय व जरूरतमन्द को देने से आपके बच्चों पर जीवन जीने में चमत्कारी प्रभाव पड़ता है, क्योंकि दान की आदत के संस्कार से ही सर्वहितकारी सोच का निर्माण होता है. यही बड़ा बनकर सच्चा साधक व सर्वप्रिय संतान बनती है. इन संस्कारों के कारण बुढ़ापे में यही बच्चे मां-बाप की सेवा कर पाते हैं. धर्मपाल सैनी ने कहा कि रोज़ाना रोटी देने से बच्चों में ये स्वभावी कर्म बन जाता है और अहंकार मुक्त जीवन हो जाता है. वह जीवन की हर कठिनाइयों में सरलता से निकल अपने उद्देश्य को प्राप्त कर लेता है.
टोहाना के सभी स्कूलों तक पहुंचाएंगे मुहिम
धर्मपाल सैनी ने कहा कि नंदी शाला इस मुहिम को टोहाना के लगभग सभी स्कूलों के साथ-साथ हरियाणा के हर शहर तक पहुंचाएंगे और सभी अभिभावकों, शहरवासियों गांव वासियों से अपील करेंगे कि वह अपने बच्चों को एक रोटी लेकर जरूर स्कूल में भेजें. यह रोटी अन्य जीवों के काम आएगी और बच्चे संस्कारवान बनेंगे.
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FIRST PUBLISHED : September 05, 2023, 23:31 IST