आशीष कुमार/पश्चिम चम्पारण. हाथियों और इंसानों के बीच अनोखे रिश्ते की कहानी सदियों से चलती आ रही है. कभी इंसानों ने हाथियों को अपना सबसे अच्छा साथी बताया, तो कभी नासमझी में उन्हें खुद के लिए खतरा मान खुद से दूर भी कर दिया. उनके हार्मोनिक बदलाव को बिना समझे व्यवहार में आए बदलाव से सनकी या पागल तक बताया जाने लगा है. लेकिन एक्सपर्ट की माने तो हाथी न ही सनकी होते हैं और न ही पागल.
कुछ खास कारणवश वे कुछ ऐसी हरकत कर बैठते हैं, जो इंसानों के लिए खतरनाक बन जाती है. ऐसे में हाथियों की देखभाल और ट्रीटमेंट के लिए वाल्मिकी टाइगर रिजर्व मेंभी एलीफेंट रेस्क्यू सेंटर बनकर तैयार हो चुका है.
मंगुराहां रेंज में बनकर तैयार हुआ एलिफेंट रेस्क्यू सेंटर
पश्चिम चम्पारण के मंगुराहां रेंजमें बिहार का पहला और एकमात्र एलीफेंट रेस्क्यू सेंटर बनाया गया है. वाइल्ड लाइफ और एलीफेंट एक्सपर्ट अभिषेक की माने तो सेंटर में हाथियों के रहने के लिए कुल 6 शेड्स बनाए गए हैं. जिसमें कुल 12 हाथी एक साथ रह सकते हैं. खास बात यह है कि वर्तमान में वीटीआर में कुल 5 हाथी है. इनमें चार नर और एक मादा है. बकौल अभिषेक वीटीआर में मौजूद सभी हाथी कैप्टिव हैं, इनमें से कोई भी जंगली नहीं है.
तीन लेयर प्रोटेक्शन से घिरा है रेस्क्यू सेंटर
अभिषेक ने बताया कि एलिफेंट रेस्क्यू सेंटर को बिहार के सरकार के गज परियोजना के अंतर्गत बनाया गया है. सेंटर को चारों तरफ से तीन लेयर प्रोटेक्शन से घेरा गया है. सबसे पहले मजबूत रेल पटरी से घेराव किया गया है. फिर चारों ओर सोलर फेंचिंग भी की गई है, जिसमें 440 वोल्ट तक का झटका लग सकता है. खास बात यह यह है कि इसके पावर को 220 वोल्ट तक लाया जा सकता है.
इसके अलावा 7 फीट चौड़े और 6 फीट गहरे ट्रेंच को भी बनाया गया है, जिसे पार कर किसी भी सूरत में हाथी सेंटर से बाहर भाग नहीं पाएंगे. अभिषेक ने बताया कि एक हाथी एक दिन में 100 लीटर तक पानी और 200 किलो तक खाना खा सकते हैं. इसलिए हर एक शेल्टर में रहने वाले हाथियों के लिए एक-एक तालाब भी बनाया गया है.
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FIRST PUBLISHED : October 9, 2023, 16:19 IST