परमजीत कुमार/देवघर.नए साल का पहला सकट चौथ व्रत जल्द ही आने वाला है. इसे माघी चतुर्थी या तिला चतुर्थी भी कहते हैं. सकट चतुर्थी माघ महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है. इस दिन पहले देवता यानी भगवान गणेश की पूजा आराधना पूरी विधि विधान के साथ की जाती है. इस दिन भगवान गणेश की पूजा आराधना करने से सभी प्रकार के संकटो का नाश होता है. इसके साथ ही इस दिन चंद्रमा को अर्घ देने की भी विधान है.आईये देवघर के ज्योतिषाचार्य से जानते हैं, कब है सकट चतुर्थी और इस दिन क्या करना चाहिए?
देवघर के पागल बाबा आश्रम स्थित मुद्गल ज्योतिष केंद्र के प्रसिद्ध ज्योतिष आचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने लोकल 18 से कहा कि सकट चतुर्थी का व्रत 29 जनवरी को रखा जाएगा. इस दिन व्रत रखकर भगवान गणेश की पूजा आराधना की जाती है. इसके साथ ही इस दिन सुहागिन महिलाएं रात्रि में चंद्रमा को अर्घ देकर अपने पति की दीर्घायु की कामना करती है. सकट चतुर्थी मे भगवान गणेश की पूजा करने और चंद्रमा को आर्घ देने से सभी प्रकार के संकटों का नाश हो जाता है. इस दिन बिना चंद्रमा को अर्घ दिए पूजा अधूरी मानी जाती है और चंद्रमा को अर्घ देने के बाद ही व्रत का पारण किया जाता है.
कब से शुरू हो रहा है सकट चतुर्थी व्रत
ऋषिकेश पंचांग के अनुसार माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 29 जनवरी को सुबह 6 बजकर 14 मिनट से हो रहा है.वहीं समापन अगले दिन 30 जनवरी को सुबह 05बजकर 43 मिनट में होगा है.इस व्रत में रात्रि में चंद्रमा को अर्घ देने का विधान है, इसलिए सकट चतुर्थी या माघ चतुर्थी का व्रत 29 जनवरी को रखा जाएगा.
करें यह उपाय बुध दोष ख़त्म हो जायेंगे :
सकट चतुर्थी के दिन भगवान गणेश को तिल के लड्डू या गुड़ का भोग लगाना चाहिए. इसके साथ ही रात्रि में चंद्रमा को अर्ध्य देने के लिए जल में दूध और अक्षत मिलाने से बुद्ध दोष की समाप्ति होती है.इससे भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं और सभी तरह के संकटों का नाश करते है.
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FIRST PUBLISHED : January 20, 2024, 09:52 IST