इस समाज में शादी से पहले होता है गोंदल, जानें 500 साल पुरानी परंपरा का महत्व

मोहन ढाकले/बुरहानपुर. अक्सर आपने देखा होगा कि घर के विवादों को दूर करने के लिए अनेकों कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. वहीं सगे-संबंधी भी आपसी विवादों को समझाने में लग जाते हैं. लेकिन, बुरहानपुर में मराठा समाज की ओर से शादी से पहले अपने घर के विवादों को दूर करने के लिए गोंदल किया जाता है. इस मराठी गोंदल के माध्यम से विवाद दूर होते हैं. मान्यता है कि इससे माता तुलजा भवानी प्रसन्न होती हैं. यह समाज की 500 साल पुरानी परंपरा है जो आज भी जीवित है.

गोंदल करने वाले अनिल पांडुरंग गोंदली ने बताया कि यह 500 साल पुरानी परंपरा है. मराठा समाज घर में विवाह होने से पहले घर की कलह एवं सुख शांति के लिए गोंदल करवाता है. गोंदल में माता का जागरण होता है. तुलजा भवानी माता को प्रसन्न करने के लिए गोंदल किया जाता है. पूजा में सबसे पहले चौराहे पर घर-परिवार के लोग पूजा करते हैं. जिस के बाद रात में माता का जागरण किया जाता है. बुरहानपुर के लालबाग क्षेत्र में कारले परिवार में यह जागरण गोंदल का कार्यक्रम आयोजित हुआ है. परिवार में प्रशांत कारले का विवाह सिरपुर की चेतना से हुआ, इसलिए पहले गोंदल करवाया गया.

10 घंटे जलती ज्योति
गोंदल में विशेष रूप से माता की ज्योति 10 घंटे तक लगातार जलाई जाती है. रस्सी और कपड़े की एक बड़ी ज्योति बनाई जाती है, जिसमें कुटुंब के पूरे लोग तेल डालते हैं. फिर गोंदली नाच गाकर माता को प्रसन्न करते हैं. यह परंपरा मराठा समाज में आज भी चली आ रही है.

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