मोहना ढाकले/बुरहानपुर. जिले में एक शिक्षिका ने 2 वर्षों में 200 से अधिक हिंदी में कविताएं लिख डालीं. कविताएं भी लोगों को खूब पसंद आ रही हैं. जिले की आधा दर्जन से अधिक सामाजिक संस्थाएं उन्हें हिंदी दिवस के अवसर पर सम्मानित भी कर चुकी हैं.
कविताएं लिखने वाली शिक्षिका प्रेमलता साकले ने कि उन्होंने 20 वर्षों तक शिक्षिका रहते हुए बच्चों को हिंदी भाषा में पढ़ाया है, जिसके बाद कविताएं लिखने का ऐसा जुनून चढ़ा कि 2 वर्षों में 200 से अधिक हिंदी कविताएं लिख चुकी हूं. कविताएं लिखने पर मुझे शहर की आधा दर्जन से अधिक सामाजिक संस्थाओं ने सम्मानित भी किया है.
आगे बताया कि मैं अभी तक 200 बच्चों को नि:शुल्क हिंदी में कविताएं लिखना भी सिखा चुकी हूं. आगे भी मेरा यही मुख्य उद्देश्य है कि जो भी मुझसे सीखना चाहता है में उन्हें निशुल्क कविताएं लिखना सिखाऊंगी.
शहर की संस्थाओं ने किया सम्मानित
कविताएं लिखने वाली शिक्षिका प्रेमलता को जिले की आधा दर्जन से अधिक संस्थाओं ने सम्मानित किया है, जिसमें रोटी बैंक, रोटरी क्लब, मानव सेवा संस्था, हिंदू सेवा समिति, मानव अधिकार संगठन और वेलफेयर सोसाइटी सम्मानित कर चुकी है.
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FIRST PUBLISHED : December 6, 2023, 14:50 IST