ओम प्रकाश निरंजन / कोडरमा.कई बार अपने फिल्मों में देखा होगा कि कोई एक कैरेक्टर जो चल फिर नहीं सकते वह अपने आंखों के इशारे से या सिर्फ सोचने मात्र से कई विद्युत उपकरण को कंट्रोल करते हैं.इस रील लाइफ स्टोरी को कोडरमा के कुणाल अम्बष्ठ ने बिना किसी प्रशिक्षण के सिर्फ ट्रायल के आधार पर रियल लाइफ में करके दिखाया है.
चलने फिरने और बोलने में अक्षम व्यक्ति का बनेगा साथी
लोकल 18 से बातचीत में कुणाल ने बताया कि उन्होंने अपने इस नए डिवाइस को ब्रेन कंप्यूटर इंटरफेस (KAYA-INTERFACE) नाम दिया है. उन्होंने बताया कि इस डिवाइस के माध्यम से कोई भी ऐसा व्यक्ति जो चलने फिरने में असमर्थ है या बोल नहीं सकता है वह सिर्फ सोचने मात्र से अपने घरेलू विद्युत उपकरण को पूरी तरह से संचालित कर सकता है.
ऑफ़लाइन वर्किंग डिवाइस को बनाती है सेफ
कुणाल ने बताया कि उनका यह डिवाइस पूरी तरह से ऑफलाइन काम करती है. इसे किसी प्रकार की कोई इंटरनेट की आवश्यकता नहीं है. जो बाहरी दुनिया से इसे सुरक्षित करती है. उन्होंने बताया कि इस डिवाइस में ब्रेन के सिग्नल जो न्यूरोन से बहता हुआ इलेक्ट्रिकल इंपल्स है उसे चेहरे पर लगे सेंसर के माध्यम से ब्रेन कंप्यूटर इंटरफेस कंप्यूटिंग डिवाइस में ट्रांसफर किया जाता है. इसके बाद इससे जुड़े विद्युत उपकरणों को संचालित किया जाता है.
डिवाइस में इन सामानों का हुआ है उपयोग
उन्होंने बताया कि अपने इस मॉडल की प्रस्तुति उन्होंने वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) के नेशनल फिजिक्स लैबोरेट्री में 12 सितंबर को दिया है जिसका उन्हें काफी बेहतर रिस्पांस मिला. उन्होंने बताया कि इस पूरे डिवाइस को बनाने में एक कंप्यूटिंग मॉड्यूल, स्पीकर, माइक्रोफोन, ऑन बोर्ड सेंसर का उपयोग किया गया है. इसे बाजार में 4 हजार रुपए प्रति डिवाइस की दर से लांच करने की तैयारी.
पिता की दुर्घटना के बाद मनाया था KAYA-AI डिवाइस
ज्ञात हो कि मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद कुणाल के सामने एक ऐसी परिस्थिति आई थी जब उनके पिता का एक्सीडेंट हो गया था और वह बेड पर रहते थे. इस दौरान उन्हें टीवी और पंखे चलाने में कठिनाई होती थी. जिसके बाद उन्होंने (KAYA-AI) नाम की एक डिवाइस तैयार किया था जो बिना किसी इंटरनेट के वॉइस कमांड पर घरेलू विद्युत उपकरण को संचालित करती है.
लोकसभा अध्यक्ष कर चुके हैं तारीफ
उनके इस इनोवेशन (KAYA-AI) को इग्नू उद्यमी समागम में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, नीति आयोग, सीएसआईआर लैब, नेशनल रिसर्च डेवलपमेंट कॉरपोरेशन, इंडियन स्कूल ऑफ माइंस धनबाद आदि स्थानों पर प्रदर्शित कर चुके हैं. जहां देश के तकनीकी क्षेत्र से जुड़े कई साइंटिस्ट ने उनके इस डिवाइस की काफी प्रशंसा की थी. उन्हें इग्नू के द्वारा स्टूडेंट इनोवेशन अवार्ड से भी सम्मानित किया गया है.
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FIRST PUBLISHED : September 15, 2023, 10:17 IST