इस वैरायटी के पपीते के लिए उपयोगी है कैमूर की मिट्टी, बस कर लें यह काम

दिलीप चौबे/कैमूर: किसान परंपरागत खेती छोड़कर मुनाफा देने वाली फसल की ओर रुख कर रहे हैं. इसका मुख्य वजह यह है कि परंपरागत खेती में लागत के अनुसार किसानों को मुनाफा नहीं हो पा रहा हैं. कैमूर जिला के किसान अधिक मुनाफा देने वाले फसलों में खासकर फल और सब्जी की खेती कर रहे हैं.

किसानों की बढ़ती रुचि को देखते हुए उद्यान विभाग भी लगातार मदद करने में जुटा है. इसी को देखते हुए उद्यान विभाग ने पपीता की खेती पर अनुदान देने का निर्णय लिया है. कैमूर जैसे पहाड़ी इलाकों में पपीता की खेती करने पर किसानों को 75 फीसदी तक अनुदान मिलेगा. बता दें कि सरकार भी बागवानी के क्षेत्र में पपीता की खेती में अच्छी संभावना को देखते हुए किसानों को लगातार प्रोत्साहित कर रही है.

अनुदान पर किसानों को मिलेगा रेड लेडी प्रभेद का पौधा

जिला उद्यान पदाधिकारी सूरज पांडेय ने बताया कि मुख्यमंत्री बागवानी मिशन योजना अंतर्गत कैमूर जिला को पांच हेक्टेयर में पपीता की खेती कराने का लक्ष्य प्राप्त हुआ है.पपीता की खेती में कुल लागत 60 हजार प्रति हेक्टेयर आता है. जिसमें 75 फीसदी यानी 45 हजार प्रति हेक्टेयर अनुदान दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि रेड लेडी किस्म की पपीता की खेती के लिए कैमूर मुफीद जगह है.

इसलिए इच्छुक किसानों को अनुदान पर रेड लेडी प्रभेद का पौधा उपलब्ध कराया जाएगा. यह प्रभेद कैमूर की मिट्टी में अच्छा फलन भी दे रहा है. इसके लिए किसान को उद्यान विभाग के पोर्टल horticulture.bihar.gov.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना होगा. परेशानी होने पर प्रखंड उद्यान पदाधिकारी से संपर्क कर सकते हैं.

दो किस्त में किसानों को मिलेगी अनुदान की राशि

जिला उद्यान पदाधिकारी सूरज पांडेय ने बताया कि किसानों को ऑनलाइन आवेदन करते वक्त कुछ जरुरी कागजातों की जरुरत पड़ती है. जिसमेंजमीन का रसीद, किसान पंजीयन संख्या और कृषक का फोटो अनिवार्य है. आवेदन करने के बाद पहले आओ पहले पाओ प्रक्रिया को अपनाते हुए प्रति हेक्टेयर 2500 पौधा दिया जाएगा. एक पौधे की कीमत विभाग द्वारा 20 रुपए निर्धारित किया गया है. जिसपर 13.50 रुपए की सब्सिडी दी जाएगी. पपीता के लिए प्रति हेक्टेयर मिलने वाले 45 हजार के तहत प्रथम वर्ष में 75 फीसदी के अनुसार 33,750 रुपए दिया जाएगा. वहीं शेष 25 फीसदी राशि दूसरे वर्ष दिया जाएगा.

जिला उद्यान पदाधिकारी सूरज पांडेय ने बताया किपपीता की खेती में कुल लागत 60 हजार प्रति हेक्टेयर आता है. जिसमें 75 फीसदी यानी 45 हजार प्रति हेक्टेयर अनुदान दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि रेड लेडी किस्म की पपीता की खेती के लिए कैमूर मुफीद जगह है. इसलिए इच्छुक किसानों को अनुदान पर रेड लेडी प्रभेद का पौधा उपलब्ध कराया जा रहा है. यह प्रभेद कैमूर की मिट्टी में अच्छा फलन दे भी रहा है.

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