इस विधि से गणेश विसर्जन करने पर मिलेगा पौधा, जानिए क्या है कहानी

मोहित राठौर/शाजापुर. 19 सितंबर से शुरू होने वाले गणेश उत्सव के अवसर पर लोग प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनी प्रतिमाओं की बजाय मिट्टी से गणेश प्रतिमाएं बना रहे हैं. इसके साथ ही मिट्टी में बिल्व पत्र के बीज डाले जा रहे हैं, जिससे गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन के बाद मिट्टी में पौधे उग सकें. यह परंपरागत और पर्यावरण के लिए सही कदम है, जो गणेश उत्सव को और भी अर्थपूर्ण बना रहा है और पर्यावरण की सुरक्षा में भी मदद कर रहा है.

पर्यावरण बचाने के लिए नई पहल
नागनागिनी रोड निवासी बिंदु ठोमरे की ओर से बच्चों और महिलाओं को मिट्टी की गणेश प्रतिमा बनाने का निशुल्क प्रशिक्षण दिया जा रहा है. ठोमरे ने बताया कि प्रकृति संरक्षण करना हम सबकी जिम्मेदारी है और इसी अभियान का हमारा हिस्सा है इको फ्रेंडली गणेश. कुछ वर्षों से हम कोशिश कर रहे हैं कि ज्यादा से ज्यादा लोग इस अभियान का हिस्सा बनें. मिट्टी की प्रतिमा बनाने के लिए घर पर ही पीली मिट्टी और कागज की लुगदी बनाकर मिट्टी तैयार करते हैं. अभियान का मकसद लोगों को जागरूक करना है कि मिट्टी की प्रतिमा घर में विराजित करें और घर पर ही विसर्जित करें, इसलिए अगर बाजार में मिट्टी की प्रतिमा नहीं मिल रही है, तो हम घर पर ही प्रतिमा निर्माण कर सकते हैं. इसी कड़ी में दो दिन की कार्यशाला आयोजित की गई है.

प्रतिमा बना रहे बच्चे
बच्चे कार्यशाला में गणेश प्रतिमा बनाना सीख रहे हैं. अपनी संस्कृति से जोड़े रखने के लिए प्रतिमाओं के अंदर बिल्व पत्र के बीज डाले गए हैं. इससे हम घर में प्रतिमा का विसर्जन करने के बाद मिट्टी व बीज को गमले में डालकर पौधे तैयार कर सकेंगे. ऐसा करने से बच्चे अपनी संस्कृति से भी जुड़ेंगे और पर्यावरण संरक्षण में भूमिका निभाएंगे. ठोमरे ने बताया कि हम पुरानी मान्यताओं में इस तरह उलझे हुए हैं कि बदलाव को सहज स्वीकार नहीं करते, लेकिन शुरुआत तो कर ही सकते हैं. कार्यशाला के दौरान कुछ महिलाएं प्रतिमाएं बनाने में इतनी ट्रेंड हो गई है कि वे घर पर ही बड़ी संख्या में मिट्टी की गणेश प्रतिमा निर्माण कर बाजार में बेच भी सकती हैं.

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FIRST PUBLISHED : September 10, 2023, 16:48 IST

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