इस विधि से करेंगे केले की खेती तो नहीं आएगी फल में एक भी खरोंच, जानें तकनीक

मोहन प्रकाश/सुपौल. अगर आप भी केला की खेती करना चाहते हैं या केला उत्पादक किसान हैं और बाजार में उसकी अच्छी कीमत नहीं मिल रही है, तो आप मंल्चिंग विधि से फसल लगाएं. केले की खेती में सबसे पहले तो मंल्चिंग विधि का इस्तेमाल करते हुए नेट हाउस का निर्माण कराएं. इसमें केले के पौधे लगाने के बाद उसमें ड्रिप एरिगेशन सिस्टम लगाएं. ऐसा करने से बेहतर फसल के साथ अच्छी क्वालिटी का केला भी मिलेगा, जिसे बाजार में लोग बेहतर कीमत में हाथों हाथ खरीद लेंगे.

महज 350 पौधों से कमाए 55 हजार रुपए
65 साल के बुजुर्ग किसान भोला मंडल, सुपौल जिले के किशनपुर प्रखंड अंतर्गत राजपुर पंचायत निवासी, ने आधुनिक तकनीक का सही उपयोग करके केले की खेती में सफलता प्राप्त की है. उन्होंने पहले साल में 700 केले के पौधे एक एकड़ जमीन में लगाए. हालांकि, केवल 350 पौधों से ही उन्होंने 55 हजार रुपए का मुनाफा कमाया. उन्होंने इन केलों को छठ पूजा के दौरान काटकर बाजार में उतारा और हाथों-हाथ अच्छी कीमत में बेचा. उन्होंने एक साल पहले ही इस खेती की शुरुआत की है.

ऑर्गेनिक केले की बाजार में बड़ी डिमांड
भोला मंडल ने बताया कि उन्होंने आत्मा से जुड़ने के बाद विभिन्न स्थानों पर जाकर उन्नत खेती करने की ट्रेनिंग ली है. उन्होंने उत्तरांचल के पंतनगर में खेती करने की ट्रेनिंग भी प्राप्त की है. इसके बाद, एक एकड़ में 700 केले के पौधे लगाए और खेती की शुरुआत की. उन्होंने मलचिंग विधि से नेट हाउस का निर्माण कर सुरक्षित किया, जिससे केले के पौधों पर कीटाणु नहीं होते. ड्रिप आइरीगेशन सिस्टम से केले की सिंचाई करते हैं और आवश्यकता होने पर पौधों की धुलाई भी करते हैं. इसके अलावा, वे जैविक खाद का उपयोग करते हैं, जिससे उनकी खेती में उत्पन्न ऑर्गेनिक केले की बाजार में बढ़ती मांग है.

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