मो.सरफराज आलम/सहरसा. कहा जाता है कि स्वर कोकिला लता मंगेशकर जैसी हस्ती एक ही पैदा होती है. यही कारण है कि गायिकी के क्षेत्र में आने वाले हर नौनिहाल की वह आदर्श होती हैं. कुछ बच्चियां उनके जैसा गाने का रियाज भी करती हैं. जिला मुख्यालय से तकरीबन 35 किलोमीटर दूर सोनवर्षा राज प्रखंड के सुगमा गांव की रहने वाली स्मृति सिंह के लिए स्वर कोकिला लता मंगेशकर आदर्श भी हैं और वह उनके जैसा ही गाने का प्रयास भी करती हैं. स्मृति की आवाज में भी जादू है. यही कारण है कि उन्हें हर मंच पर सराहना मिलती जा रही है और लोग उन्हें जूनियर लता मंगेशकर कहने लगे हैं.
स्मृति बचपन से ही स्वर कोकिला लता मंगेशकर के गाने को सुनती आ रही हैं. उन्हीं के गानों से मिली प्रेरणा के बाद स्मृति आज सिंगिंग के क्षेत्र में खूब नाम कमा रही हैं, जो भी एक बार इनकी सुरीली आवाज को सुन लेते हैं, वह स्मृति के दीवाने हो जाते हैं. स्मृति अक्सर लता मंगेशकर के ही गाने को गाती है. काफी कम उम्र में स्मृति ने राज्य स्तरीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक पर कई मेडल हासिल किए हैं. स्मृति इंडियन आइडल के भी मंच पर धूम मचा चुकी है. इंडियन आइडल के मेगा ऑडिशन तक पहुंचने वाली स्मृति आज किसी परिचय की मोहताज नहीं है.
कम उम्र में ही हासिल किया बड़ा मुकाम
स्मृति बताती हैं कि वह बचपन से ही सिंगिंग के क्षेत्र में आना चाहती थीं. इस क्षेत्र में उनके पिता का उन्हें काफी सहयोग मिला. स्मृति ने बहुत कम उम्र में ही बड़ा मुकाम हासिल किया है. कई स्टेज शो से लेकर महोत्सव तक में जाकर वह गाना गा चुकी है. इसके साथ-साथ वह इंडियन आइडल के मंच पर भी गाना गा चुकी हैं. स्मृति शुरू से ही लता मंगेशकर की राह पर चलना चाहती थी. उन्हीं की ही तरह गाना भी चाहती हैं.
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FIRST PUBLISHED : September 21, 2023, 13:03 IST