इस राजा के लिए इंग्लैंड से आया था गुप्त हथियार, लिखते-लिखते ले लेता था जान

आशुतोष तिवारी/रीवा: प्रदेश के रीवा का बघेला म्यूजियम अपने आप में ऐतिहासिक धरोहर और विरासत को संजोए है. बघेल राजवंश से जुड़े राजा, महाराजा, युवराज और राजपरिवार की नायब वस्तुओं का संग्रह यहां पर देखने को मिलता है. रीवा किला म्यूजियम में एक नायब वस्तु पेन पिस्टल है. दिखने में यह बिल्कुल पेन की तरह दिखती है, लेकिन इस पेन से लिखने के अलावा फायरिंग भी की जा सकती है. इसलिए इसे पेन पिस्टल कहा जाता है. इस पेन पिस्टल से एक बार लोड करने के बाद पांच बार फायर किया जा सकता है.

रीवा रियासत के महाराजा गुलाब सिंह की थी ये पेन
रीवा किला म्यूजियम की देखभाल करने वाले राजकुमार पांडेय बताते हैं कि पेन पिस्टल महाराजा गुलाब सिंह की थी. वह कहीं भी जाते थे तो इस पेन पिस्टल को हमेशा अपने साथ रखते थे. इस पेन से लिखने का कार्य किया करते थे. लेकिन आत्मरक्षा के लिए पेन के साथ साथ इसका काम फायरिंग भी था.

इंग्लैंड से रीवा राजा के लिए बन कर आई थी पेन पिस्टल
इतिहासकार असद खान बताते हैं कि पेन पिस्टल रीवा रियासत के गुप्त हथियार में शुमार थी. उस दौरान पेन में बंदूक यह सोचना किसी के लिए मुमकिन नहीं था. लेकिन यह अनोखा कारनामा भी इंग्लैंड के कुशल कारीगरों ने किया था. इस पिस्टल से कई फायर किये जा सकते थे. इसका वजन पिस्टल की तुलना में कम था. इस पेन पिस्टल से आसानी से निशाना लगाया जा सकता था. इसमें इतनी ताकत थी कि इसके एक फायर से किसी भी व्यक्ति जान ली जा सकती थी. ऐसा बताया जाता है कि जब रीवा रियासत के तत्कालीन महाराजा गुलाब सिंह जूदेव बहादुर को देश के एक शाही दरबार में बुलाया गया, तो यह शर्त रखी गई थी कि दरबार में किसी भी राजा-महाराजा कोई हथियार लेकर न आए. ऐसे में रीवा रियासत के महाराज ने इस गुप्त पेन पिस्टल का इस्तेमाल किया था. बाद में महाराज के इस हथियार की देशभर में सराहना की गई थी.

रीवा किला में 1920 की मशीन गन भी
पेन पिस्टल के अलावा रीवा रियासत के महाराज के पास एक ऐसी मशीन गन थी, जिसे एक बार लोड करने पर 500 फायर होते थे. इस बंदूक को अमेरिका की एक कंपनी ने विशेष रीवा राजा के लिए बनाया था. आज भी यह बंदूक रीवा किले के बघेला म्यूजियम में रखी है. समय-समय पर इसकी रिपेयरिंग भी की जाती है. इस बंदूक का नाम 45 ऑटोमेटिक कोल्ड मशीन गन था. रीवा के राजा गुलाब सिंह ने इसका नाम टोमी गन रखा था.

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