निखिल स्वामी/बीकानेर. दीवाली पर धन की देवी लक्ष्मी जी की आराधना करना और घर में धन की कमी नहीं होने देने के लिए बीकानेर में महा लक्ष्मी जी का मंदिर है. यह मंदिर दाऊजी रोड पर स्थित है और लोग इसे धन की कमी से बचाव के लिए पूजा और आराधना करते हैं. यह मंदिर बीकानेर का प्राचीन मंदिर है और इसका निर्माण करीब 91 साल पहले हुआ था. इस मंदिर में दीवाली पर माता महालक्ष्मी के लिए पोशाक भी आती है और रोजाना 200 से 300 लोग इसे दर्शन करने आते हैं.
श्री महालक्ष्मी मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी और पुजारी राजेंद्र कुमार श्रीमाली ने बताया कि 1932 में राजपंडित यमुना दत्त श्रीमाली ने इस मंदिर की स्थापना की थी, जो बीकानेर के राजपंडित थे. मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में महाराजा गंगा सिंह जी आए थे और वे मुख्य यजमान थे. पुजारी ने बताया कि मंदिर में राजपरिवार से साल में दो बार माता जी के लिए पोशाक आती है, और इसके बाद यह पोशाक माताजी को पहनाई जाती है. एक पोशाक दीवाली के समय आती है, और दूसरी पोशाक श्राद्ध की अष्टमी के दिन आती है. श्रीमाली ने बताया कि इस मंदिर में दीवाली के दिन यहां पूरे दिन लोग दर्शन करने के लिए आते हैं, और मंदिर हर समय खुला रहता है.
यह है मंदिर की खासियत
इस मंदिर की विशेषता है कि यहां माता लक्ष्मी कमल के फूल पर आसीन हैं. माता लक्ष्मी के पास रिद्धि सिद्धि को प्रसन्न करने के लिए हाथी की सूंड में कलश है, और यहां विशेषकर शुक्रवार को हजारों लोग उनकी दर्शन करने आते हैं. यह मंदिर कुछ विशेष परंपराओं का पालन करता है, जैसे कि कुंवारे लड़के दिन के विशेष समय पीले चावल लेकर आते हैं, जिससे गृह लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है और घर में धन की कमी नहीं रहती.
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FIRST PUBLISHED : November 7, 2023, 20:43 IST