इस मंदिर में जन्म के कुछ दिन बाद बच्चों को कराया जाता है दर्शन, जानिए क्या है वजह

शिवहरि दीक्षित/हरदोई. संसार मे हर माता-पिता अपने बच्चों के लिए वह सब करता है जिससे कि बच्चों को किसी प्रकार की कोई दिक्कत ना हो. इसके लिए वह ईश्वर से भी कामना करते हैं कि उनके बच्चों के जीवन मे कभी कोई संकट ना आए. कुछ इसी तरह यूपी के हरदोई में एक मंदिर है. जहां पर माता-पिता अपने बच्चों को जन्म के बाद सबसे पहले दर्शन कराने के लिए जाते हैं ताकि बच्चों के ऊपर कभी कोई संकट ना आए.

हरदोई के शाहाबाद में एक प्राचीन माता संकटा का मंदिर है. ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर में बच्चों को जन्म के बाद सबसे पहले दर्शन कराए जाते हैं और उन्हें माता के चरणों मे शीष लगवाते हैं और यह सब इसलिए किया जाता है ताकि बच्चों के जीवन मे कभी भी कोई भी संकट ना आए और अगर आता भी है तो माता संकटा उन्हें हर लेतीं हैं. शायद इसी लिए माता संकटा को संकट हरण माता भी कहा जाता है.

वर्षों पुराना है यह प्राचीन मंदिर
हरदोई के संकटा देवी माता मंदिर जिसके बारे में यहां की पुजारिन मुन्नी देवी बताती हैं कि यह संकटा देवी मंदिर कितना पुराना है इसका कोई प्रमाण नहीं है. उनका कहना है कि उनकी 7 से ज्यादा पीढियां बीत गईं हैं. इस मंदिर की सेवा करते करते और अब वह इस मंदिर की सेवा कर रहीं हैं. इससे पहले इनके पति यहां के पुजारी थे उनका निधन होने के बाद मुन्नी देवी ने इस मंदिर की बागडोर संभाली है.

पश्चिम मुखी है माता की मूर्ति
हरदोई के माता संकटा देवी मंदिर में माता की मूर्ति पश्चिम दिशा में स्थापित है. आमतौर पर मंदिरों में मूर्तियां ज्यादातर पूरब दिशा में स्थापित होती हैं. मगर यहां माता की मूर्ति पश्चिम दिशा में है. ऐसे में जब पुजारिन मुन्नी देवी से जानकारी की गई तो पता चला कि इस मूर्ति को यहां पर किसी के द्वारा स्थापित नहीं किया गया. ये संकटा देवी माता की मूर्ति स्वतः ही अवतरित है और तभी से यह मूर्ति पश्चिम दिशा में स्थापित है.

होते हैं बच्चों से संबंधित संस्कार
हरदोई के इस प्राचीन संकटा देवी मंदिर में बच्चों का अन्न प्राशन व मुंडन संस्कार कार्यक्रम कराया जाता है. दूर-दूर से भक्त आकर यहां दर्शन करते हैं और हरदोई के लोगों के लिए यह प्राचीन मंदिर आस्था का प्रतीक है.

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