एसएन मेडिकल कॉलेज का सुपर स्पेशियलिटी सेंटर
– फोटो : अमर उजाला
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तिल्ली (प्लीहा) बढ़ने से 13 वर्ष की बच्ची को खून की उल्टियां हो रही थीं। हालत खराब होने पर उसे एसएन मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में भर्ती कराया। सुपर स्पेशियलिटी सेंटर में एंडोस्कॉपी करने पर बच्ची में एक्स्ट्रा हेपेटिक पोर्टल वेनस ऑब्सट्रक्शन (ईएचपीवीओ) की परेशानी मिली। छह घंटे तक ऑपरेशन किया गया। ठीक होने पर मरीज को डिस्चार्ज कर दिया गया है।
मेडिकल कॉलेज के गेस्ट्रोसर्जन डॉ. विक्रम सिंह सोढ़ा ने बताया कि 13 वर्ष की बच्ची जब भर्ती हुई तो उसमें रक्त और प्लेटलेट्स भी कम थी। खाने की नली में खून की नस भी फूली हुई थी। 6 घंटे ऑपरेशन कर पेट की बढ़ी तिल्ली को हटाकर बाई किडनी की नस से जोड़ा गया। गेस्ट्रोसर्जन डॉ. प्रतीक शाह ने बताया कि तिल्ली बढ़ने से गर्भनाल में संक्रमण, आंत में संक्रमण का खतरा रहता है। मरीज का मानसिक और शारीरिक विकास भी प्रभावित होता है। इसमें अल्ट्रासाउंड और एंडोस्कॉपी जांच करने के बाद प्रॉक्सिमल स्प्लेनोरेनल शंट सर्जरी करते हैं।
प्राचार्य डॉ. प्रशांत गुप्ता ने बताया कि मेडिकल कॉलेज में पेट रोग के गंभीर बीमारियों के ऑपरेशन निशुल्क हो रहे हैं। निजी अस्पताल में ऑपरेशन का खर्च महंगा होता है। ऑपरेशन करने वाली डॉक्टरों की टीम में डॉ. नीलांशा, डॉ. रेनू, डॉ. नरेंद्र रहे।