परमजीत कुमार/देवघर. 8 मार्च को महाशिवरात्रि है. यह पर्व पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाएगा. शास्त्रों में महाशिवरात्रि के दिन तीन चीजों की प्रधानता बताई गई है, इसमें व्रत, पूजा विधि और जागरण को विशेष कहा गया है. माना जाता है कि जो भक्त महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा पूरे विधि विधान के साथ करता है, उसकी मनोकामनाएं अवश्य पूर्ण होती है.
देवघर के पागल बाबा आश्रम स्थित मुदगल ज्योतिष केंद्र के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने Local 18 को बताया कि इस साल की महाशिवरात्रि बेहद खास है. इस साल महाशिवरात्रि का व्रत 8 मार्च को रखा जाएगा और दिन शुक्रवार है. शुक्र देव भोलेनाथ के ही शिष्य माने जाते हैं. शुक्र का शुभ रंग भी सफेद है और भगवान भोलेनाथ को भी सफेद रंग प्रिय है. इस दिन भक्त अगर सफेद वस्त्र पहनकर भगवान भोलेनाथ का रुद्राभिषेक करें, तो जीवन में कितना भी बड़ा रोग या कष्ट हो समाप्त हो जाएगा.
महाशिवरात्रि के दिन इस तरह करे रुद्राभिषेक
ज्योतिषाचार्य ने Local 18 को बताया कि महाशिवरात्रि के दिन पंचामृत से भगवान भोलेनाथ के शिवलिंग पर रुद्राभिषेक करना चाहिए, यानी रुद्राभिषेक करते वक्त दूध, दही, घी, गुड़, शहद इन पांचों चीजों का पंचामृत बनाकर शिवलिंग के ऊपर अर्पण करना है. रुद्राभिषेक के दौरान राम नाम लिखा बेलपत्र अर्पण करें, इससे जीवन में कितना भी बड़ा रोग और दोष, कष्ट हो वह समाप्त हो जाएगा. महाशिवरात्रि के दिन एक चीज का ध्यान रखें कि सफेद वस्त्र धारण कर और रुद्राक्ष की माला पहन कर ही रुद्राभिषेक करें.
क्या है रुद्राभिषेक का शुभ मुहूर्त
ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि महाशिवरात्रि के दिन सुबह 5 बजे से रुद्राभिषेक करने का शुभ मुहूर्त शुरू हो जाएगा. यह दिनभर रहने वाला है. हालांकि, पूजा करने का शुभ मुहूर्त संध्या 5 बजकर 13 मिनट से शुरू होगा, जो रात 3 बजकर 48 मिनट तक रहने वाला है. महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा चार प्रहर में की जाती है.
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FIRST PUBLISHED : March 7, 2024, 16:25 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.