अनुज गौतम/सागर. कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का पर्व मृगशिरा नक्षत्र एवं सर्वार्थ सिद्धि योग में बुधवार को मनाया जाएगा. इस दिन महिलाएं अपने अखंड सौभाग्य की कामना के लिए निर्जला व्रत रखेंगी. इस दिन सर्वार्थ सिद्धि व बुधादित्य योग बन रहा है. निर्जल उपवास करने वाली महिलाओं को इस दिन चंद्र दर्शन के लिए देर रात तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा. पंचांग के अनुसार करवा चौथ की रात 8:22 पर चंद्रमा का उदयमान सागर में होगा. इसके अलावा अन्य शहरों में भी कहीं थोड़ा पहले तो कहीं थोड़ा बाद में चंद्रमा दिखाई देगा.
करवा चौथ पर बन रहा दुर्लभ संयोग
ज्योतिचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री ने बताया कि इस साल करवाचौथ के दिन एक साथ कई दुर्लभ संयोग बन रहे हैं. दिन की शुरुआत सर्वार्थ सिद्धि योग से हो रही है. साथ ही इस दिन बुध और सूर्य भी एक ही राशि में रहकर बुधादित्य योग बना रहे हैं, जबकि शनि स्वराशि मकर और गुरु स्वराशि मीन में रहेंगे. साथ ही चंद्रमा अपनी उच्च राशि वृषभ में रहेंगे. ऐसी शुभ स्थिति में किया गया पूजा-पाठ पति-पत्नी के लिए सौभाग्य लाएगा. पूजा मृगशिरा नक्षत्र में की जाएगी, जो मंगलवार सुबह 6 बजकर 11 मिनट से शुरू होकर बुधवार रात तक रहेगा. चतुर्थी तिथि मंगलवार की रात 10 बजकर 50 मिनट से आरंभ होगी और बुधवार रात 10:47 बजे समाप्त होगी.
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शुभ मुहूर्त में पूजा के बाद करें चंद्र दर्शन
ज्योतिष आचार्य अनिल पांडे के मुताबिक इस बार करवा चौथ में कुछ विशेष योग है, जिसमें प्रमुख है सर्वार्थ सिद्धि योग जो पूरे दिन रहेगा. इसके अलावा परिध योग प्रातः काल से दिन के 2:07 तक रहेगा. इसके उपरांत शिव योग प्रारंभ हो जाएगा जो अगले दिन तक रहेगा. एक महत्वपूर्ण बात यह भी है कि करवा चौथ के दिन चंद्रमा वृष राशि में है जहां पर की यह उच्च का होता है. इस वर्ष करवा चौथ की पूजा शाम 5:36 से शाम को 6:54 तक की जा सकती है . व्रत का पारण महिलाएं चंद्रमा को अर्घ्य देने के उपरांत पति के हाथों जल पीकर करती हैं.
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FIRST PUBLISHED : October 31, 2023, 10:20 IST