इस बड़ी वजह से 97 नंबर की जर्सी पहनते हैं दोनों बेटे, सरफराज खान के पिता नौशाद ने किया खुलासा

इस बड़ी वजह से 97 नंबर की जर्सी पहनते हैं दोनों बेटे, सरफराज खान के पिता नौशाद ने किया खुलासा

Sarfaraz Khan: सरफराज और उनके पिता के किस्से देश के करोड़ों फैंस की जुबां पर हैं

नई दिल्ली:

Sarfaraz Khan:इंग्लैंड के खिलाफ राजकोट के सौराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन के मैदान पर जारी तीसरे टेस्ट के पहले दिन का खेल शुरू होने से पहले सरफराज खान (Sarfaraz Khan) और उनके पिता नौशाद खान (Naushad Khan) की तस्वीरें पूरे देश में चर्चा का विषय बन गईं. फैंस इन तस्वीरों को देखकर भावुक हो गए. और घर-घर नौशाद के इंडिया कैप को चूमते हुए आंखों से बहते आंसुओं के साथ तस्वीरों की चर्चा जोर-शोर से हुई. और अभी तक हो रही है. इसी बीच, नौशाद खान ने अब खुलासा करते हुए बताया कि सरफराज क्यों 97 नंबर की जर्सी पहनते हैं.  

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सरफराज ने टेस्ट करियर का बहुत ही शानदार आगाज किया. सरफराज  भले ही जडेजा की बड़ी गलती से शतक से चूक गए, लेकिन जिस अंदाज में उन्होंने 62 रन की पारी खेली, उससे क्रिकेट जगत और फैंस इस बल्लेबाज के कायल हो गए. कहीं से भी नहीं लगा कि सरफराज अपना पहला टेस्ट खेल रहे हैं. और उन्होंने करियर की पहली ही पारी में 50 रन सिर्फ 48 ही गेंदों पर बना दिए. बहरहाल, हम बात जर्सी की कर रहे हैं, तो सरफराज ने टेस्ट में 97 नंबर की जर्सी पहनी. 

एक चैनल से बातचीत में इसके पीछे के राज़ को हटाते हुए नौशाद ने कहा कि उनके दोनों बेटे सरफराज और हाल ही में अंडर-19 विश्व कप में सुपरस्टार बनकर उभरे मुशीर खान (Musheer Khan) 97 नंबर की जर्सी पहनते हैं. वजह यह है कि इस नंबर के जरिए वह मेरा सम्मान करते हैं. और अपनी सफलता या प्रेरणा के लिए मुझे श्रेय देते हैं. 97 को हिंदी में बोलने पर नौ+सात=’नौशाद’ का उच्चारण होता है, तो दोनों भाइयों ने पिता को श्रेय देने के लिए कुछ यह रचनात्मक रास्ता निकाला. 

नौशाद ने कहा कि आपने देखा होगा कि टी-शर्ट पर के पीछे जो नाम है न, जो नंबर है न, वह नौ (9) और सात (7) है. वास्तव में वह मेरा ही नाम है. हिंदी में आप उसको नौ और सात पढ़ सकते हैं. मैं इस तरीके से चौके-छक्के मार रहा हूं. पहले पूरा मुंबई क्रिकेट जगत जानता था कि सरफराज ने अपने बेटों के पीछे कितनी कड़ी मेहतन और त्याग किया है, तो वहीं वायरल हो रहे वीडियो और इंटरव्यू के बाद अब पूरा देश जान चुका है कि सरफराज के पीछे पिता और माता का कितना पड़ा योगदान है. 

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