अर्पित बड़कुल/ दमोह. मध्यप्रदेश के दमोह जिले की एक सीमा से नौरादेही अभ्यारण्य तो वहीं दूसरी सीमा से पन्ना टाइगर रिजर्व का क्षेत्र लगा हुआ है.जिस कारण अक्सर जंगली जानवर जंगल छोड़ रहीसी इलाके में घुस आते हैं.बीते 4 साल पहले एक तेंदुआ जंगल छोड़ शहर में घुस आया था.जिसने पूरे शहर को तहस नहस कर दिया था.करीब पांच घण्टे की कड़ी मस्कत के बाद वन अमले को तेंदुआ पकड़ने में सफलता मिली थी.नगर में सैतानी बंदरो के आतंक से रहवासियों का रहना मुश्किल होता जा रहा है.नटखट शरारतों तक तो ठीक था. लेकिन अब यह सैतानी बंदर लोगो की जान के दुश्मन बन चुके हैं. ताजा मामला तेंदूखेड़ा रेंज की नरगंवा बीट से निकलकर सामने आया.जहां 27 मील के नजदीक दमोह जबलपुर स्टेट हाइवे पर बीते 3 से 4 दिनों से बंदर का आतंक जोरों से है.जिसके भय से राहगीरों का निकलना मुश्किल हो चुका है.
राह चलते लोगों को निशाना बना रहा बंदर…यह बंदर सड़क से गुजरने वाले बाइक सवार युवकों से लेकर चार पहिया वाहनों तक के लोगों पेड़ से छलांग लगाकर उन पर जानलेवा हमला कर देता है.जिसके हमले से करीब 1 दर्जन बाइक सवार घायल हो चुके हैं.इनमें से 2 युवक गम्भीर रूप से घायल होने के कारण जबलपुर मेडिकल कॉलेज में एडमिट है.राहगीरों को बढ़ती मुसीबत को देख तेंदूखेड़ा रेंजर मेघा पटेल ने डिप्टी रेंजर चंद्रेश गोप और सहजपुर बीट गार्ड स्मिता दुबे को तैनात किया है.
वन विभाग को चकमा दे रहा शैतानी बंदर
डिप्टी रेंजर चंद्रेश गोप और बीट गार्ड स्मिता दुबे ने जानकारी देते हुए बताया कि बंदर को पकड़ने के लिए बाकायदा पिंजरा लगाया गया है.लेकिन वह पिंजरे के आस पास घूमता रहता है.जिसके खाने के लिए फल,सब्जियां पिंजरे के अंदर रखी गई है.लेकिन अभी तक बंदर को पकड़ने में सफलता नहीं मिली है.वन अमले की पूरी टीम लगातार ही बंदर को पकड़ने का प्रयास कर रही है.
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FIRST PUBLISHED : November 29, 2023, 15:07 IST