दिलीप चौबे/कैमूर. खेती-किसानी के क्षेत्र में बदलाव का दौर जारी है. किसान भी पारंपरिक तरीके से कम लागत में बंपर मुनाफा देने वाली फसलों की खेती की तरफ रुख कर रहे है. गेंदे का फूल भी कुछ इसी तरह की फसल है. बिहार सरकार भी फूल की खेती को बढ़ावा दे रही है. बिहार सरकार एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना के तहत गेंदा फूल की खेती करने के लिए किसानों को 70 फीसदी अनुदान भी दे रही है. सरकार ने प्रति हेक्टेयर गेंदे के फूल की लागत 40 हजार रुपये रखी है. ऐसे में 70 फीसदी की सब्सिडी के हिसाब से किसानों को गेंदा फूल की खेती पर 28 हजार रुपये मिलेंगे. इस योजना का लाभ लेने के लिए किसान http://horticulture.bihar.gov.in पर आवेदन कर सकते है.
एक हेक्टेयर में 20 से 25 टन तक उत्पादन
कैमूर के उद्यान पदाधिकारी सूरज पांडेय ने बताया कि गेंदा फूल की खेती काफी फायदेमंद है. किसान उद्यान विभाग से संपर्क कर या लोकल स्तर पर किसी नर्सरी से फूल का पौधा ले सकते हैं. गेंदा की खेती हर सीजन में होती है. जबकि ग्लेडियोलस के पौधे सिर्फ ठंड के मौसम में तैयार होता है. एक किसान कम से कम 8 कट्ठा (0.1 हेक्टेयर) और अधिकतम 2 हेक्टेयर में पौधे लगा सकते हैं. कमाई के नजरिए से गेंदा की खेती काफी फायदेमंद है. पौधे 60 से 65 दिन में तैयार हो जाते हैं और तीन से चार महीने तक फलन होती है. वहीं, एक हेक्टेयर में 20 से 25 टन तक फूलों का उत्पादन हो जाता है और 2 से 3 लाख का मुनाफा मिलता है. दशहरा, दीपावली, छठ आदि के सीजन में रेट बढ़ जाने से मुनाफा 4 से 5 लाख तक पहुंच जाता है.
पहले आओ पहले पाओ के तर्ज पर मिलेगा लाभ
कैमूर के उद्यान पदाधिकारी सूरज पांडेय ने बताया कि कैमूर के किसानों के लिए फूल की खेती बेहद खास है. फूल की खेती में अधिक मुनाफा को देखते हुए यहां के किसानों ने भी इसकी खेती शुरू कर दी है. बनारस नजदीक रहने की वजह फूलों की खपत हो जाती है. जिससे किसानों को आमदनी हो जाती है. कैमूर केचांद, रामपुर और चैनपुर प्रखंड के किसान फूल की खेती कर रहे हैं. फूल की खेती में अनुदान के लिए किसान ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. पहले आओ पहले पाओ के तर्ज पर किसानों को लाभ दिया जाएगा.
.
FIRST PUBLISHED : November 1, 2023, 20:32 IST