इस फसल की खेती का सफल हुआ ट्रायल, बंपर फलन, किसान हुआ मालामाल

कुंदन कुमार/गया. अंजीर की खेती अब बिहार के गया में हो रही है. गया के किसान आशीष कुमार सिंह पिछले 2 साल से इसकी खेती कर रहे हैं. कंडी नवादा के समीप इन्होंने 40 पौधे जबकि अन्य अलग-अलग जगह पर 40-50 पौधे लगाए हुए हैं. इस बार अंजीर में फल भी आ गया है. उम्मीद है कि लगभग 2 क्विंटल अंजीर का उत्पादन होगा. आशीष ने तीन वैरायटी की अंजीर खेतों में लगाई है, जिसमें पूना रेड, तुर्की ब्राउन और डायना है. पूना रेड देसी वैरायटी है, जबकि अन्य दोनों विदेशी वैरायटी है. बाजार में 1200-1500 रुपये किलो यह बिकती है.

स्वास्थ्यवर्धक और पोषण से भरपूर अंजीर जिसे सूखा मेवा या ताजा फल के रूप में खाया जाता है. बाजार में भी अंजीर से बने उत्पादों की काफी मांग रहती है. भारत में अंजीर की खेती के लिये शुष्क यानी सर्द जलवायु में उगाया जाते हैं. भारत में तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात के अलावा उत्तर प्रदेश में ही अंजीर के ज्यादातर बाग मौजूद हैं. लेकिन पिछले कुछ साल से बिहार के किसान के द्वारा भी इसकी खेती की जा रही है. ट्रायल के तौर पर 5 साल पहले घर के छत पर 2 पौधे लगाए थे. जिसमें फल आने के बाद 3 साल पहले 70-80 पौधे खेतों में लगाए और अब फल भी आ चुके हैं.

इस बार है अच्छा हुआ प्रोडक्शन
किसान आशीष कुमार सिंह बताते हैं कि पिछले दो साल से अंजीर की खेती कर रहे हैं. लगभग 70 पौधे लगाए हैं, पिछले साल जहां पौधे में 10 से 12 फल आए थे. इस बार अच्छा प्रोडक्शन है. कुछ दिनों में हार्वेस्टिंग शुरू हो जाएगी. इन्होंने बताया कि भारत में महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा इसकी खेती होती है. वहां कई किसान बड़े स्तर पर इसकी खेती करते हैं. बिहार और महाराष्ट्र की जलवायु भी इसकी खेती के लिए काफी अनुकूल मानी जाती है. महाराष्ट्र में थोड़ी गिला जबकि बिहार में मौसम सूखा रहता है.

अक्टूबर-नवंबर में आता है फल
अंजीर के पौधे में अक्टूबर नवंबर महीने से फल आना शुरू हो जाता है, जो मार्च महीने तक चलता है. इन्होंने बताया कि दूसरे राज्य की तुलना में इसकी खेती में कुछ अलग करने की जरूरत नहीं है. सिर्फ पानी की जरूरत कम होती है. 70 पौधे से लगभग तीन क्विंटल अंजीर का उत्पादन होगा. अभी तो फिलहाल ट्रायल बेसिस पर इसकी खेती की जा रही है, लेकिन उम्मीद है, आने वाले कुछ साल में गया का अंजीर बिहार के बाजारों में बिकना शुरू हो जाएगी.

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