इस पिता ने गरीबी देखी पर बेटे को दुकान से रखा दूर, अब IES अफसर बना आकाश

धीर राजपूत/फिरोजाबाद: मेहतन कहीं भी रंग ला सकती है, बस जुनून होना चाहिए. फिरोजाबाद में भी एक बेटे का जुनून इन दिनों चर्चा में बना हुआ है. यहां किराना दुकानदार के बेटे ने यूपीएससी की इंजीनियरिंग सेवा में परचम लहराकर जिले का नाम रोशन कर दिया है. पिता कई सालों से किराने की दुकान कर रहे हैं, लेकिन बेटे की पढ़ाई में कोई कमी नहीं आने दी. उसी का परिणाम रहा कि बेटा अब अधिकारी बन गया. पिता अपने बेटे को बचपन से ही अधिकारी बनाना चाहते थे. बेटे ने भी आईईएस की परीक्षा पास कर पिता के सपने को पूरा किया.

फिरोजाबाद के फरिहा गांव में रहने वाले संतोष जैन के बेटे आकाश जैन ने यूपीएससी में आईईएस यानी इंडियन इंजीनियरिंग सर्विस की परीक्षा पास कर जिले का नाम रोशन किया है. संतोष जैन ने कहा कि वह 35 साल से फरिहा में परचून की दुकान कर रहे हैं. परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं रही है, इसलिए उन्होंने किराए पर किराने की दुकान खोली और बच्चों को बड़ा अधिकारी बनाने का संकल्प लिया. उनके बेटे ने यूपीएससी की परीक्षा पास कर सपने को साकार किया है.

जज्बे और जुनून के दम पर मिली सफलता
बताया कि वह परचून की दुकान पर अपने बच्चों को नहीं बैठने देते थे. अधिक पैसा न होने की वजह से उनके बेटे ने गांव से ही इंटर की परीक्षा पास की और उसके बाद बीटेक भी किया है. लेकिन, बेटे का सपना बड़े अधिकारी की नौकरी हासिल करना था और इसके लिए उसने मेहनत की और आज मुकाम हासिल कर लिया.

आकाश कानपुर में मेट्रो में कर रहा नौकरी
यूपीएससी की परीक्षा पास करने वाले आकाश जैन के पिता संतोष जैन ने बताया कि उनका बेटा अभी कानपुर में मेट्रो में असिस्टेंट मैनेजर की नौकरी कर रहा है. पिछले साल उसने आईईएस-प्री का एग्जाम दिया था, लेकिन सफलता नहीं मिली. लेकिन अब यह सपना पूरा हो गया है. बेटा आईईएस बन देश की सेवा करेगा. उन्होंने कहा की बेटे को आईएएस और आईपीएस अधिकारी बनने का मन नही था. कहा कि उसे लगता था कि इन नौकरियों में राजनीतिक दबाव रहता है, इसलिए उसने इंडियन इंजीनियरिंग सर्विस को चुना है.

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