सर्वेश श्रीवास्तव/अयोध्या. आज से पितृपक्ष शुरू हैं, लेकिन जैसे ही पितृ विसर्जन होगा, ठीक उसके बाद शारदीय नवरात्रि शुरू हो जाएगी. हिंदू पंचांग के मुताबिक साल में चार बार नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है, जिसमें दो गुप्त नवरात्रि भी होती है, जबकि चैत्र और शारदीय नवरात्रि का प्रमुख माना जाता है. धार्मिक मान्यता के मुताबिक, नवरात्रि में मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की विधि विधान पूर्वक पूजा की जाती है. नवरात्रि से ही शुभ कार्यों की शुरुआत भी मानी गई है.
अयोध्या के ज्योतिष पंडित कल्कि राम बताते हैं कि इस साल 15 अक्टूबर दिन रविवार से शारदीय नवरात्रि प्रारंभ हो रहे हैं. धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक जब नवरात्रि का आरंभ रविवार अथवा सोमवार से हो तो मां जगदंबा का वाहन हाथी यानी गज होता है. ऐसे में इस बार मां का आगमन हाथी पर होगा. बताया कि हाथी पर सवार होकर मां का आना किसानों के लिए लाभकारी होगा. मौसम उनके अनुकूल रहेगा. खूब बारिश होगी. हर तरीके से हाथी पर मां भगवती का आगमन बहुत शुभ माना जाता है.
प्रॉपर्टी से जुड़े लोगों को होगा फायदा
आचार्य ने बताया कि हाथी पर मां का आगमन प्रॉपर्टी, भूमि, भवन से जुड़े लोगों के लिए भी खास माना जाएगा. अगले छह महीनों तक के लिए उनको लाभ होने की संभावना है. इसके अलावा इस नवरात्रि में यदि आमजन प्रॉपर्टी से जुड़े काम करते हैं जैसे प्रॉपर्टी खरीदना, बेचना या किराए पर देना या किराये पर लेना तो उसमें भी लाभ हो सकता है.
नवरात्रि में 9 स्वरूपों की होती है आराधना
शारदीय नवरात्रि में मां जगत जननी जगदंबा के 9 स्वरूपों की विधि विधान पूर्वक पूजा आराधना की जाती है. इस दौरान मां दुर्गा की पूजा आराधना अथवा व्रत करने से जातक के सभी दुख संताप दूर होते हैं. साथ ही मां दुर्गा की कृपा से जातक की मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं.
(NOTE: इस खबर में दी गई सभी जानकारियां और तथ्य मान्यताओं के आधार पर हैं. NEWS18 LOCAL किसी भी तथ्य की पुष्टि नहीं करता है.)
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FIRST PUBLISHED : September 29, 2023, 07:00 IST