अनुज गौतम / सागर: बुंदेलखंड के सागर में यूं तो कई सिद्ध और रहस्यों से भरे स्थान है. लेकिन, आज हम आपको एक ऐसी नदी के बारे में बताने जा रहे हैं. यहां देवताओं का दरबार लगता है. वहां से मधुर संगीत सुनाई देता है. स्थानीय लोगों का दावा है कि उन्होंने यहां पर अद्भुत प्रकाश भी देखा है. इस चमत्कारिक नदी का नाम गन्धर्वी है. यहां के लोगों का मानना है कि इस नदी में गन्धर्वी शक्तियां आज भी मौजूद हैं.
दरअसल, सागर जिले के ढाना से गंधर्वी नदी का उदगम होता है. यह 30 किलोमीटर तक बहने पर गढाकोटा के पास सुनार नदी में मिल जाती हैं. यहां बड़ी-बड़ी चट्टानों को काटते हुए भीषण जंगल के बीच से निकली यह नदी हजारों साल के इतिहास की गवाह है.
नदी से मधुर संगीत और अद्भुत प्रकाश निकला
हजारों साल पुरानी आपचांद की गुफाये इसी नदी के किनारे पर स्थित है. यहां कई लोगों ने इन गन्धर्वी शक्तियों को महसूस किया है. अंधेरा होने से पहले ही लोग यहां से वापस लौट आते हैं. यहीं पर थोड़ी दूर में प्राचीन सिद्ध हनुमान पीठ हैं. जिसके महामंडलेश्वर श्री 1008 रामाधार जी महाराज बताते हैं कि जब वह बहुत छोटे थे.अपने गुरु के साथ कंदराओं में रहते थे तो हमारे महाराज जी अक्सर नदी के उस पार जाने से रोकते थे. तो हमारे मन में कौतूहल रहता था कि वहां क्यों नहीं जा सकती एक बार महाराज की रात में सो रहे थे और मैं धीरे से उठकर निकल गया कुछ दूरी पर जाने के बाद नदी से मधुर संगीत सुनाई दे रहा था ऐसा संगीत और कहीं नहीं सुना, ढोलक, थाप ,मृदंग, घुंघरू की आवाज में आ रही थी जिसे मैंने कुछ देर तक सुना और फिर अचानक नदी के बीचो-बीच एक अद्भुत तेज प्रकाश दिखाई दिया जिसे देखकर मैं डर गया और वापस लौट आया.
शक्तियों के प्रभाव से मृत्यु भी हो सकती
सुबह मेने यही बात महाराज जी को बताई तो उन्होंने बताया कि यह गन्धर्वी शक्तियां हैं. गंधर्व देवराज इंद्र की सभा में शास्त्रीय संगीत कर राग जमाते हैं. इन शक्तियों की वजह से लोग पागल हो जाते हैं मृत्यु भी हो सकती है कोई नुकसान भी हो सकता है. इसलिए अब वहां नहीं जाना इसके बाद मैंने कभी भी रात में वहां जाने का दुस्साहस नहीं किया. लेकिन आज भी वह मधुर संगीत रात में या सनके की दो पहेली में यहां पर कभी-कभी सुनाई देता है.
लोगों ने देखा अजीब 25 फीट का इंसान
रामाधार महाराज ने यह भी कहा कि इस नदी में एक कुंड है. यहां पर खजाना होने की आशंका है. यहां पर चंदेलों की समय का किला भी था जो अब अपना अस्तित्व खो चुका है. खजाने की तलाश में लोग इस कुंड तक पहुंच जाते हैं .एक बार रात में मछली मारने वाली खजाना खोदने के लिए इसी कुंड के पास पहुंचे रात में खुदाई करते-करते वह थक कर सो गए. इसी दौरान एक बहुत बड़ा सफेद कपड़े पहने इंसान आया, उन तीनों का चक्कर लगाया और उस कुंड के दूसरी तरफ जाकर पत्थर से पत्ते पीसने लगा. एक व्यक्ति की आंख खुल गई वह धीरे-धीरे यह देखता रहा और फिर वह व्यक्ति अचानक गायब हो गया. लोगों ने देखा कि जहां वह पत्ते पीस रहा था वहां एक बहुत बड़ी शीला रखी हुई थी जो 10 लोगों से भी नहीं हिल सकती फिर एक व्यक्ति उसे कैसे उठा सकता है. वह गंधर्वों ही रहे होंगे. इस तरह की और भी घटनाएं लोगों के साथ हुई जिसके चलते रात में तो ठीक लोग दिन में भी यहां पर आने से डर जाते हैं.
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FIRST PUBLISHED : February 24, 2024, 11:59 IST