शुभम मरमट / उज्जैन.विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल की नगरी उज्जैनीय में मोक्ष दायनी माँ शिप्रा के तट रामघाट पर देश विदेश से लोग तर्पण व पिंड दान करने पहुंच रहे हैं. खास बात यह है कि भगवान श्री राम ने भी अपने पिता का तर्पण यही किया था.कुबेर राज गौ सेवा द्वारा पिछले कई वर्षों से यह तर्पण कराते आ रहे है. इसी क्रम में आज 5000 से अधिक गौ माता का तर्पण रामघाट पर किया गया. यह गौ माता वाहन दुर्घटना में व अन्य परिस्थिति मे उनकी मृत्यु हो गयी थी. उनकी आत्मा को शांति मिले इसलिए आज रामघाट पर विधान हुआ.
रामघाट पर संत महंत और बटुकों के साथ कुबेर राज गौ सेवा संगठन ने पिछले चार वर्ष से बहुत सी गौ माता का तर्पण कराया है. आज उज्जैन के रामघाट पर तर्पण कराया गया. जिसमे 101 बटुक ने गौ माता की आत्मा की शांति के लिए तर्पण किया गया. साईकिल वाले पंडा ने पूजन अर्चन कराया.
गौ सेवा संगठन 4 वर्षों से कर रही है कार्य
गौ सेवा संगठन के तेजू बाबा ने बताया कि 5000 हजार गाय का ऋषि परम्परा और सनातन धर्म की परम्परा अनुसार तर्पण किया गया. इस साल बीमारी और दुर्घटना में हजारों गाय की मौत हुई है. इसलिए हमने इतनी बड़ी संख्या मृत हुई गाय का तर्पण किया है. संगठन के माध्यम से हमने अभी तक 5000 अधिक गाय का अंतिम संस्कार करवाया और लोगो को इस कार्य के लिए प्रेरित भी किया. बड़ी संख्या मे आज समाजन रामघाट पर शामिल हुए.
रामघाट का अत्यधिक है महत्व
उज्जैन में भी पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध के लिए उतना ही महत्व है, जितना महत्व गयाजी का है. इसके साथ ही रामघाट पर भी पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध स्थान माना जाता है. भगवान राम ने वनवास के दौरान अपने पिता राजा दशरथ का श्राद्ध भी उज्जैन में किया था.
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FIRST PUBLISHED : October 12, 2023, 13:45 IST