शुभम मरमट/उज्जैन. हिंदू धर्म में नवरात्रि सबसे पवित्र पर्वों में से है. नवरात्रि के दिनों में माता दुर्गा के नौ रूपों की पूजा आराधना की जाती है. माना जाता है कि साल भर में कुल चार नवरात्रि आती हैं. शारदीय और चैत्र नवरात्रि को छोड़कर दो गुप्त नवरात्रि भी होती हैं. गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा गुप्त तरीके से की जाती है. इससे भक्त के सभी तरह के कष्ट समाप्त हो जाते हैं और माता दुर्गा की विशेष कृपा बरसती है.
उज्जैन के पंडित भोला शास्त्री ने बताया कि देवी आराधना का पर्व माघी गुप्त नवरात्रि 10 फरवरी से आरंभ होगी. इस बार गुप्त नवरात्रि पूरे नौ दिन की रहेगी. 18 फरवरी को नवरात्रि की पूर्णाहुति होगी. गुप्त नवरात्रि में मां काली और दस महाविद्या की पूजा गुप्त रूप से की जाती है. साधक तंत्र-मंत्र, यंत्र की सिद्धि के लिए गुप्त साधना करेंगे. शक्तिपीठ हरसिद्धि मंदिर में गोपनीय अनुष्ठान होंगे. प्रतिदिन शाम को दीपमाला भी प्रज्वलित की जाएगी.
गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा के इन रूपों की होती है पूजा
पहला दिन मां काली, दूसरा दिन मां तारा, तीसरा दिन मां त्रिपुर सुंदरी, चौथा दिन मां भुवनेश्वरी, पांचवा दिन मां छिन्नमस्तिका, छठा दिन मां त्रिपुर भैरवी, सातवां दिन मां धूमावती, आठवां दिन मां बगलामुखी, नौवां दिन मां मातंगी, दसवें दिन मां कमला.
उज्जैन में ये स्थान देवी साधना के लिए विशेष
देवी की शक्ति साधना सिद्ध स्थान पर करने से साधक को निश्चित सफलता प्राप्त होती है. उज्जैन में शक्तिपीठ हरसिद्धि, सिद्धपीठ गढ़कालिका, चौसठ योगिनी, भूखी माता, नगरकोट, चामुंडा माता, बगलामुखी धाम देवी साधना के प्रमुख स्थान हैं. भक्त इन मंदिरों में काम्य अनुष्ठानों के अलावा देवी कृपा प्राप्त करने के लिए नित्य दर्शन करने भी आते हैं.
उज्जैन की भूमि पर शीघ्र फलित होती है साधना
पृथ्वी के नाभि केंद्र पर स्थित उज्जैन में दक्षिणेश्वर महाकाल, शक्तिपीठ हरसिद्धि तथा भैरव पर्वत पर काल भैरव विराजित हैं. साधना की सिद्धि के लिए इन तीनों की साक्षी शीघ्र फल प्रदान करती है. गुप्त नवरात्रि में दूरदराज से साधक महाकाल वन में साधना करने आते हैं.
.
Tags: Local18, Navratri, Religion 18, Ujjain news
FIRST PUBLISHED : January 30, 2024, 14:38 IST