सच्चिदानंद/पटना. 2600 साल पुराने 25 एकड़ के तालाब की सफाई हुई. इसके बाद तो यह तालाब चर्चा का विषय बन गया है. क्योंकि इस तालाब से 1-2 नहीं पूरे 500 टन कचरा निकाला गया. छठ पूजा के बाद पटना नगर निगम की तरफ से पहली बार एक खास मशीन के जरीए घाटों की सफाई की जा रही है. फिलहाल इसकी शुरुआत राजधानी के मंगल तालाब से हुई है. इस खास मशीन ट्रैश स्किमर है. जिसका नाम गंगा यान रखा गया है. छठ के दौरान गंगा घाट की सफाई भी इसी मशीन से की गई थी.
पिछले कई दिनों से इस मशीन के जरीए पटना के बड़े तालाबों में से एक मंगल तालाब की सफाई की जा रही है. नगर निगम से प्राप्त जानकारी के मुताबिक छठ के बाद से ट्रैश स्किमर द्वारा मंगल तालाब की निरंतर सफाई की जा रही है. अब तक लगभग 500 टन कचड़ा मंगल तालाब से निकाला जा चुका है.
एक तालाब से निकाला गया 500 टन कचरा
गंगा नदी के साथ शहर के तालाबों की सफाई ट्रेश स्कीम के माध्यम से शुरू की जा चुकी है. गौरतलब है कि छठ के बाद से ट्रैश स्किमर द्वारा मंगल तालाब की निरंतर सफाई की जा रही है और अब तक लगभग 500 टन कचरा मंगल तालाब से निकाला जा चुका है. पटना नगर निगम द्वारा पहली बार छठ पूजा के दौरान घाटों के किनारे की सफाई ट्रैश स्कीमर मशीन ‘गंगा यान’ से की जा रही है.
पहली बार मशीन के माध्यम सभी गंगा घाटों के पानी की सफाई के साथ शहर के प्रमुख तालाबों की भी सफाई की जा रही है. मंगल तालाब से इसकी शुरुआत की गई है. इसके उपरांत सभी अंचल में इसे भेजा जाएगा.
मुंबई से आई है यह मशीन
पटना नगर निगम ने 1.75 करोड़ में सफाई करने वाली ट्रैश स्कीमर मशीन ‘गंगा यान’ मंगाई गई है. इस मशीन के जरीए गंगा नदी के बाद अब शहर के तालाबों की सफाई की जा रही है. ऐसी मशीन पहली बार निगम को मिली है. 9 नवंबर को यह मशीन मुंबई से आई थी. गंगा यान मशीन में आगे की तरफ कटर लगी है, जो जलकुंभी को काटकर अंदर की ओर भेजती है.
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इसके साथ ही रोलर लगे हैं, जो सारे कचरे को रोल करके अंदर लाती है और फिर चेन कवर के माध्यम से नीचे गिराती है. इसके बाद सारे कचरे को चेन पुलिंग करते हुए नीचे से ही पीछे के साइड डंपिंग बॉक्स में भेज देती है. एक दिन में करीब 10 किमी तक की सफाई यह मशीन कर सकती है.
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FIRST PUBLISHED : December 8, 2023, 12:07 IST