इस तबले की थाप के दीवाने हैं कोलकाता और बनारस तक के लोग, जानें क्या है खासियत

रितेश कुमार/समस्तीपुर : आमतौर पर आप लकड़ी व स्टील से बने तबला और उसकी थाप जरूर देखे और सुनेंगे होंगे. पर समस्तीपुर शहर के बंगाली टोल में तीन पीढ़ी पूर्व से तबला का निर्माण कर रहे है. उनका तबला बिहार के तमाम जिले सहित दूसरे राज्य के लोग भी तबला के दीवाने हो चुके हैं. क्योंकि मिट्टी के तबले से निकलने वाली थाप काफी मधुर होती है. यह काफी मीठा होती है, इसलिए बनारस व कोलकाता के लोग समस्तीपुर में बने मिट्टी के तबला के दीवानी हो चुके हैं और डिमांड कर रहे हैं.

तीन पीढ़ी से कर रहें है इसका निर्माण

जय लाल दास ने बताया कि पूर्वजों की कला को जीवित रखने के लिए अपनी जिंदगी बिता दी है. क्योंकि मेरीतीन पीढ़ी पूर्व से ही तबला का निर्माण किया जा रहा है. और आज यह भी तबला का निर्माण कर रहे हैं खास तौर पर यह मिट्टी का तबला, ढोल, डमरु, नगरा, डफली, सहित अन्य प्रकार की सामग्री का निर्माण करते हैं. इसी का नतीजा है कि आज समस्तीपुर के तबला का कोलकाता और बनारस में लोग डिमांड कर रहे हैं. क्योंकि यहां की मिट्टी का तबला का धुन काफी मीठा होता है, इसलिए लोग पसंद करते हैं.

पूरा सेट निर्माण करने में लगते हैं दो दिन

बातचीत के दौरान जयलाल दास ने बताया की हम पिछले 30-35 वर्षों से तबला बना रहे हैं. मेरे पूर्वज भी यही काम करते थे और आज हम इस काम से अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं. एक तबले का पूरा सेट का निर्माण करने में करीब 2 दिन का समय लगता है.

2000 से 3000 तक का बिकता है तबला

इसके बाद तबला 2000 से 3000 में बिकता है. परंतु आज के दौर में नई-नई टेक्नोलॉजी आ जाने के कारण शुरुआती दौर में थोड़ी सी परेशानी बढ़ी थी. परंतु पुनः हम लोगों की स्थिति सामान्य हो गई है. क्योंकि कोई भी इलेक्ट्रॉनिक सामान रियल जैसे आवाज नहीं दे सकता है.इसी का नतीजा है कि लोग आज भी हाथ से बने तबले को काफी पसंद कर रहे हैं.

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