इस ट्रक ड्राइवर ने इजाद की थी श्री विधितकनीक बिहार में यहांसे रखते हैं ताल्लुक

कुंदन कुमार/गया.खेती में जिस श्री विधि तकनीक का इस्तेमाल आज पूरा देश कर रहा है, उस तकनीक के जनक गया के एक किसान राम सेवक प्रसाद माने जाते हैं. गया जिला के डोभी प्रखंड अंतर्गत केसापी गांव के रहने वाले किसान रामसेवक प्रसाद का दावा है कि उन्होंने ही लाइन से एक-एक धान लगाने की विधि का इजाद किया था. बाद में संस्था के लोग ने इस तकनीक को अपनाकर श्री विधि का नाम दिया. रामसेवक प्रसाद जिले के एक सफल किसान है और इंटीग्रेटेड फार्मिंग करते हैं. इनके फार्मिंग को देखने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 2009-10 में इनके घर भी पहुंच चुके हैं.

रामसेवक प्रसाद एक किसान परिवार से ताल्लुक रखते थे लेकिन उन दिनों खेती किसानी में उतनी आमदनी नहीं होती थी. जिससे घर परिवार का भरण पोषण हो सके. इन्होंने 1984 से लेकर 1990 तक ट्रक चलाने का काम किया. इस दौरान वह विभिन्न राज्यों का भ्रमण करते थे. ज्यादातर हरियाणा और पंजाब जाते थे. वहां जाने के बाद वहां की खेती को देखते थे. हरियाणा पंजाब के किसानों की खेती देखकर काफी आश्चर्यचकित होते थे. इनका मानना था कि जब हरियाणा, पंजाब के किसान बेहतर खेती कर सकते हैं तो हम क्यों नहीं.

ट्रक ड्राइवर का काम छोड़कर शुरू की खेती
इन्होंने ट्रक ड्राइवर का काम छोड़कर घर के 5 एकड़ जमीन पर खेती करना शुरू किया. इन्होंने खेती में नए-नए प्रयोग शुरू किया और पहली बार जिले में मक्का की खेती को बढावा दिया. मक्का की खेती के बाद इन्होंने विभिन्न तकनीक का इस्तेमाल करते हुए सब्जी की खेती शुरू की. इसमें इन्हें अच्छा मुनाफा होने लगा, लेकिन धान और गेहूं से ज्यादा आमदनी नहीं हो रही थी. तभी इन्होंने सोचा की धान लगाने की तकनीक में कुछ बदलाव लाया जाए. इन्होंने लाइन से धान लगाने की विधि का इजाद किया.

5 से 10 केजी धान से एक बीघा में की रोपाई
उन दिनों ज्यादातर किसान एक बीघा के खेत में धान लगाने के लिए 20 किलो बीज का इस्तेमाल करते थे, लेकिन इन्होंने 5-10 किलो धान में ही एक बीघा धान रोपकर आसपास के किसानों को चौंका दिया. इस तकनीक से लगाये गये धान में पैदावार भी बहुत अच्छा होता था. इनकी खेती को देखने आसपास के जिले के लोग आते थे और इस तकनीक के बारे में जानते थे. धीरे-धीरे यह तकनीक पूरे राज्य में फैल गया और बाद में एक संस्था के द्वारा इस तकनीक का नाम श्री विधि रखा गया.

क्या कहा इस किसान ने
किसान रामसेवक प्रसाद बताते हैं कि आमतौर पर जो किसान ज्यादा बीज का इस्तेमाल करते हैं, उनका पैदावार काफी कम होता है. एक कट्ठा से लगभग 60 किलो धान का उत्पादन होता है लेकिन लाइन विधि से धान लगाने से एक कट्ठा में लगभग एक क्विंटल तक धान का उत्पादन होता है. इन्होंने बताया कि इनकी सोच थी की खेती में कुछ अलग किया जाए इसलिए विभिन्न तकनीक का इस्तेमाल अपने खेती में करते थे. इस तकनीक को देश के कई किसान आज अपनी खेती में इस्तेमाल कर रहे हैं. इसी तकनीक में एक है श्री विधि जिसके जनक रामसेवक प्रसाद माने जाते हैं.

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