कुंदन कुमार/गया. अगर आप गया शहर आते हैं और जोर की भूख लगी है, लेकिन आपके पास उतने पैसे भी नहीं है, तो परेशान होने की जरुरत नहीं है. शहर के जीबी रोड स्थित आनंदी माई मोड़ के पास गया जी विकास समिति एक रसोई का संचालन करती है. जिसका नाम गयाजी अन्नपूर्णा रसोई है. यहां मात्र 10 रुपया में भोजन मिलता है. यह रसोई पिछले 18 महीने से संचालित किया जा रहा है. यहां प्रतिदिन 800-1000 लोगों के लिए खाना बनता है. मात्र 10 रुपया में 4 रोटी, दाल, चावल और सब्जी दी जाती है.
यह रसोई सुबह 11 बजे से लेकर शाम 3 बजे तक खुलती है. यहां हर तरह के लोग खाने पहुंचते हैं. यहां अमीर से लेकर गरीब हर तरह के लोग स्वादिष्ट भोजन का स्वाद चखने आते हैं. चाहे वह स्टूडेंट हो या रिक्शा, ठेला, टेम्पो चलाने वाले के अलावे मरीजों का इलाज कराने आए परिजन या बाहर से आये लोग सभी यहां भोजन करते हैं. जिन लोगों के पास पैसा नहीं होता, उन्हें निशुल्क भोजन भी दिया जाता है. इस रसोई में साफ सफाई का भी ध्यान रखा जाता है. यहां इतने लोगों के लिए मशीन से रोटी बनाई जाती है.
साधु संत को मुफ्त में मिलता है भोजन
इस रसोई के संचालक प्रसिद्ध समाजसेवी शिव कैलाश डालमिया करते हैं. उन्होंने बताया कि यहां रोजाना 1 हजार लोगों के लिए भोजन तैयार किया जाता है. यहां खाने आने वाले लोग सबसे पहले 10 रुपया का कूपन लेना होता है. कूपन के बाद ही भोजन की थाली दी जाती है. साधु संत या जरुरतमंद को निशुल्क खाना दिया जाता है.
10 रुपया में मिलती है रोटी, चावल, दाल और सब्जी
यहां सभी खाना मशीन से बनता है. चाहे वह रोटी बनानी हो या आलू ऊबालना या चावल बनाना सभी काम मशीन से होता है. यहां मात्र 1 घंटे में 1 हजार रोटी बनकर तैयार हो जाती है. भोजनालय में 100 से अधिक लोगों की बैठने की जगह है, जहां एक बार में खाना खा सकते हैं. रसोई के स्टाफ ललन कुमार यादव बताते हैं यह रसोई पिछले 18 महीने से संचालित किया जा रहा है और रोजाना 800-1000 लोग खाने आते है. यहां सभी तरह के लोग आते हैं और स्वादिष्ट भोजन का आनंद उठाते हैं. 10 रुपया में रोटी, चावल, दाल और सब्जी दिया जाता है.
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FIRST PUBLISHED : January 30, 2024, 10:05 IST