इस जगह रावण दहन के बाद लोगों के एक दूसरे को खिलाते है के चांदी वर्क वाला पान, स्वाद ऐसा कि बोल पड़ेंगे वाह

आशुतोष तिवारी/रीवा. हिंदू धर्म की मान्यताओं के हिसाब से पान पूजा पाठ और शुभ कार्य के लिए इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन इसके अलावा उत्तरभारत में दशहरे के दिन पान खाना शुभ माना जाता है. और ये एक प्रचलन बन गया है.रावण का पुतला जलने के बाद लोग एक-दूसरे को मिठाई और पान खिलाकर गले मिलते हैं. कुछ लोग हनुमान के चरणों में पान चढ़ाने के बाद इसे खाते हैं ताकि शुभता और जीत का आशीर्वाद मिल सके. मध्यप्रदेश के रीवा में भी पान की तैयारिया शुरू हो गई. पान की दुकानों में पहले से कहीं ज्यादा भीड़ बढ़ गई है. पान के दुकानदारों ने भी कई वैरायटी के पान से अपने दुकानों को सजा लिया है. आज हम आपको ये बताते है कि रीवा की ऐसी कौन सी पान को दुकानें है जहां का पान लोगों के द्वारा खूब पसंद किया जाता है.

मध्य प्रदेश का रीवा जिला उत्तर प्रदेश से सटा हुआ है. इसलिए उत्तर प्रदेश का असर इस जिले में काफी दिखाई देता है. उत्तर प्रदेश की तरह ही यहां भी पान के शौकीन लोगों को कमी नही हैं. रीवा में कई ऐसी पान की दुकान है जो बनारसी, मगही, मीठी पत्ती, कपूरी, पान के लिए मशहूर हैं. रीवा में सबसे मशहूर पान की दुकान पुराने बस स्टैंड में गुल्लन पान की दुकान है.

माठ पीना लोगों को आ रहा पसंद
यहां कई वैरायटी के पान मिलते हैं. पान के शौकीन बताते है कि रीवा में सबसे अच्छा पान गुल्लन की दुकान में मिलता है. यहां का मीठा पान लोगों के द्वारा खूब पसंद किया जाता है. इसके अलावा सिरमौर चौराहे की दीपक पान पैलेस को भी काफी पसंद किया जाता है. वहीं शिल्पी प्लाजा में शेखावत पान पैलेस है. ये रीवा की वो चुनिंदा दुकानें है जहां पान खाने के लिए लोगों की भीड़ लगती है. और यहां का पान लोगों के द्वारा खूब पसंद किया जाता है.

चांदी के वर्क के साथ तैयार किया जाता है मीठा पान
रीवा के गुल्लन पान सेंटर में मिलने वाले पान की तारीफ आपने भी सुनी होगी.चांदी के वर्क के साथ मीठा मसाला डाल कर ये पान तैयार किया जाता है. कत्था, चूना, गुलकतरी, मीठी सौंफ, मीठी पत्ती से मिलकर बनने वाले पान में चांदी का वर्क लगाया जाता है. और उसका टेस्ट बेहद लाजवाब होता है. रीवा में पान के शौकीन लोग इस पान के दीवाने है.

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