रितिका तिवारी/ भोपाल. क्रिसमस को इशु मसी के जन्म दिवस के रूप में पूरे विश्व में मनाया जाता है. इस दिन काफी धूम धाम से लोग उनके जन्म को खुशियां मनाते हैं. राजधानी भोपाल में भी कुछ इस प्रकार इसका सेलिब्रेशन देखने को मिला. भोपाल के सबसे पुराने चर्च कैथोलिक चर्च में रात के 12 बजे ईशु का जन्म करवाया गया. जिसके बाद छोटे बच्चों से केक कटवाया गया. जिसके बाद सबने प्रेयर गाई और एक दूसरे को बधाइयां दी. क्रिसमस के मौके पर लोगों ने चर्च जा कर ईशु मसी से प्रार्थना की और एक दूसरे को बधाई बाटी.वहीं दिन भर चर्च में लोगों का आना जाना लगा रहा.आपको बता दें कि क्रिसमस ईसाई धर्म के सबसे प्रमुख पर्वों में से एक है. जिसे हर साल 25 दिसंबर को मनाया जाता है. इस दिन को प्रभु ईशु के जन्म दिवस के रुप में मनाया जाता है.
कुछ इस प्रकार दी लोगों ने एक दूसरे को बधाई
भोपाल के सबसे पुराने चर्च कैथोलिक चर्च में रात के 12 बजे ईशु का जन्म दिवस मनाया गया. जिसमे उनके जन्म के समय का दृश्य दिखाया गया. किस प्रकार उनका जन्म हुआ था. इसके बाद सभी ने प्रेयर कर प्रभु को याद किया. उसके बाद गले मिल एक दूसरे को बधाइयां दी है. बच्चों से केक कटवा कर जन्मदिन को सेलिब्रेट किया गया. जिसके बाद सभी को प्रसाद भी प्रदान किया गया. जिसके बाद बच्चों को संता क्लॉज के द्वारा गिफ्ट भी प्रदान किया गया.
यह है क्रिसमस का इतिहास
कई इतिहासकारों के अनुसार क्रिसमस ईशु मसी के जन्म के बाद से मनाया जाने लगा. इसे ईसाई धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार की तरह मनाया जाता है. ऐसा कहा जाता है कि मदर मैरी ने कथित तौर पर 25 मार्च को एक भविष्यवाणी की थी कि ईशु मसी की को मां मरियम को 9 महीने बाद एक पुत्र को प्राप्ति होगी. जिसके नौ महीने बाद ही 25 दिसंबर को ईशु मसी का जन्म हुआ था. ईशु का जन्म बेतलेहेम के चरनी में हुआ था. जिसके बाद से क्रिसमस को पूरे विश्व में काफी धूम धाम से मनाया जाने लगा.
.
Tags: Bhopal news, Local18, Madhya pradesh news
FIRST PUBLISHED : December 25, 2023, 23:32 IST