शिखा श्रेया/रांची. दिवाली खत्म हो चुकी और दिवाली के बाद अब लोग छठ पूजा की तैयारी में व्यस्त हो चुके हैं.छठ पूजा को महापर्व कहा जाता है और बड़े विधि विधान के साथ सूर्य भगवान की आराधना की जाती है.लेकिन क्या आप जानते हैं झारखंड की राजधानी रांची में एक ऐसी जगह है जहां पर खुद माता द्रौपदी ने छठ पूजा किया था.
दरअसल, रांची के नगरी में एक कुआं मौजूद है व मान्यता है कि इस कुआ के पानी से ही माता द्रौपदी ने सूर्य भगवान को अर्घ दिया था.आज भी लोग इस कुआं को बहुत धार्मिक मानते हैं और नगरी के किसी भी घर में कोई भी पूजा पाठ या धार्मिक कार्य होता है.तो इसी कुएं के पानी का इस्तेमाल होता है.
छठ के समय इसी पानी से करते हैं लोग पूजा
कुएं के समीप मौजूद शिव भगवान मंदिर के पुजारी देवेंद्र ने लोकेल 18 से कहा कि यह कुआं पूरे नगरी वासी की प्यास बुझाता है.यह काफी पवित्र कुआं है .यहां लोग सालों पूजा पाठ करने आते हैं.खासकर छठ के समय महिलाएं यहां छठ व्रत करने आती है. इस कुएं से जुड़ी एक पौराणिक कथा है. एक बार पांडव यहां से गुजर रहे थे और माता द्रौपदी को जोर से प्यास लगी थी. तो अर्जुन ने अपने बाण निकाल कर धरती पर मारा. जिसे यहां पर पानी निकला और कुआं बना.इसके बाद माता द्रोपती यहां कई दिनों तक रही व इसी कुएं के पानी से सूर्य भगवान की पूजा अर्चना की.उन्होंने आगे कहा कि इसीलिए इस कुएं के पानी की काफी मान्यता है.कहा जाता है इस कुएं पर साक्षात माता द्रौपदी जी का आशीर्वाद है.इसीलिए छठ के समय यहां पर श्रद्धालुओं की काफी भीड़ लगती है. माताएं इसी पानी से सूर्य भगवान को अर्घ देती है और उनका आशीर्वाद प्राप्त करती है.
कोई भी धार्मिक कार्य कुएं के पानी के बगैर नहीं होता
पुजारी देवेंद्र ने बताया कि यह पूरी पूरे नगरी प्रखंड में किसी घर में अगर कोई भी धार्मिक कार्य होता है.तो वह इस कुएं से एक लोटा पानी भी लेकर घर जरूर जाता है और अपने पूजा स्थान पर इस पानी से साफ सफाई करता है.उसके बाद ही पूजा अर्चना की जाती है.ऐसी मान्यता है कि इस पानी से जब तक पूजा अर्चना न की जाए कोई भी पूजा सफल नहीं मानी जाती.उन्होंने आगे बताया खास कर छठ के समय तो यहां पर 200 से 300 परिवार छठ मनाने के लिए आते हैं.साथ ही छठ मनाते समय यहां पर कूड़ा कचरा ना हो इसका भी सब विशेष ख्याल रखते हैं.छठ के बाद फौरन सारे लोग मिलकर साफ सफाई करते हैं.कहा जाता है कूड़ा कचरा करने से देवी मां नाराज हो जाती है. इसीलिए लोग इस जगह को काफी साफ रखते हैं.
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FIRST PUBLISHED : November 14, 2023, 13:47 IST