इस कुंड में नहाने से चर्म रोग से मिलतीहै मुक्ति,यहां 12महीने गर्म रहता है पानी

भरत तिवारी/जबलपुर :पूरे प्रदेश मे अब ठंड ने दस्तक दे दी है. लोग ठंड से बचाव कें लिये अनेकों उपाय करते है कोई अलाव का,कोई गर्म कपड़ों का तो कोई गर्म पानी का सहारा लेते हुए दिखाई देता है. आज हम जबलपुर से करीब 65 किलोमीटर दूर जबलपुर मंडला रोड पर स्तिथ एक ऐसे ही कुंड की बात कर रहे जिसे लोग चमत्कारिक कुंड कहते है. खास बात यह है की 12 महीनों इस कुंड का पानी हमेशा गर्म रहता है, इस कुंड मे नहाने से लोगो को चर्मरोगो से मुक्ति भी मिलती है. सर्दियों कें मौसम मे रोजाना लोग इस कुंड मे नहाने भारी संख्या मे पहुंचते है. वहीं कुछ लोग इसे शिव जी का वरदान और भगवान परशुराम की तपोस्थली भी कहते है.

यहां नहाने से दूर होते है चर्म रोग.
जबलपुर से 65 किलोमीटर दूर हैं बबैहा गाँव और गाँव से 2 किलोमीटर दूर हैं ये गरम कुंड, एक ऐसा स्थान जिसे गरम कुंड के नाम से जाना जाता हैं. इस खास कुंड की खास विशेषता लोग वर्षों से बता रहें की इस कुंड क़ा पानी शरीर पर पढ़ने पर चर्म रोग जैसी बीमारियां दूर हो जाती हैं, प्राकृतिक सौंदर्यता के बीच हैं. यह गरम कुंड जो की पहाड़ों की प्राकृतिक हरियाली और माँ नर्मदा नदी के बेक वाटर के बीच मे स्थित हैं .यह नर्मदा नदी के वाटर लेवल से ऊपर बना हुआ कुंड हैं.

भगवान शिव से जुड़ी है इस कुंड की कहानी.
कुंड के पास ही मां नर्मदा के मंदिर में बैठे बैरागी रमेश दास ने हमें बताया कि भगवान भोलेनाथ के वरदान से इस कुंड की उत्पत्ति हुई है. जब भगवान परशुराम अपनी शारीरिक वेदना से परेशान थे तब भगवान शिव ने उन्हें इस कुंड के बारे में बतलाया था जहां पर स्नान करने से भगवान परशुराम की शारीरिक वेदना दूर हुई थी तब से लेकर आज तक लोगों की इस जगह को लेकर ऐसी मान्यता है कि यहां पर स्नान करने से शारीरिक और मानसिक रोग दूर होते हैं और दूर दूर से लोग यहां अपने समस्याओं को लेकर स्नान करने आते है.

ठंड के दिनों में यहां बड़ी संख्या में लगता है लोगो का जमावड़ा.
ठंड के इन दिनों में इस गर्म पानी कुंड में लोगों का जमावड़ा काफी बढ़ जाता है, लोग दूर-दूर से यहां पर स्नान करने आते हैं और यहां पर आकर इस कुंड के गर्म पानी का और इस कुदरत के कर इसमें का लुफ्त उठाते हैं.

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