इस किसान ने शुरू की विदेशी ‘लोबिया’ की खेती, 4 कट्ठा से है 3 से 4 लाख की कमाई

सत्यम कुमार/भागलपुर : खेती में बहुत कुछ बदलाव हुआ है. अब तकनीक का सहारा लेकर किसान कम जगह में हजारों नहीं लाखों कमाते हैं. भागलपुर में भी एक ऐसे किसान हैं जो खेतों में महज 200 बीज लगाकर और चार से पांच लाख रुपए की आमदनी कर रहा है. यह सोचकर आपको आश्चर्य जरूर हुआ होगा कि मात्र तीन से चार कट्ठे में ऐसी कौन सी फसल लगा ली, जिससे इतना मुनाफा हो रहा है. इस ‘लोबिया’ की खेती कर रहें हैं किसान गुंजेश गुंजन.

कृषि के क्षेत्र में रिसर्च कर शुरू खेती

गुंजेश कृषि के क्षेत्र में रिसर्च करना शुरू कर दिया है. उसने विदेश में उगने वाले सब्जी को अपने देश में लगाकर और अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. इन्होंने पहले जुकनी उगाई, फिर ककोरी उगाई, अब यह लोबिया उगा रहे हैं. लोबिया बोड़ा की ही एक प्रजाति है.

यह भागलपुर के कजरेली के रहने वाले किसान गुंजेश गुंजन अपने खेतों में उगा रहे हैं. जब इसको लेकर गुंजेश गुंजन से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मैंने अपनी नौकरी छोड़कर खेती को अपनाया. लेकिन लोगों को किसान का मतलब अभी लगता है कि उठो सर पर पगड़ी बांधों और अपने कुदाल को लेकर खेतों में निकल पड़े. वही किसान है. उन्होंने बताया कि इसमें बदलाव लाया जा सकता है.

लोबिया लगाने में चार कट्ठा में कुल लागत मात्र 10 हजार

गुंजेश ने कहा कि किसान भी अपने खेतों तक चार पहिया वाहन से जा सकते हैं, अच्छे कपड़े को पहन सकते हैं. इसके लिए उन्हें थोड़ा अलग सोचना होगा. उन्होंने बताया कि जब मैं कृषि के क्षेत्र में आया तो पौराणिक खेती से हटकर नई-नई चीजों पर रिसर्च करना शुरू किया. सफलता मिली और अच्छा मुनाफा भी कमाया. कई बार लोगों ने नीचे गिराने की कोशिश भी की. उनसे कई ऐसी चीज सुनने को मिली जिससे मनोबल भी टूटा लेकिन दोबारा अपने आत्मविश्वास के बल पर यहां तक पहुंच गया.

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10 हजार रुपए की आई थी लागत

मैंने कई तरह के सब्जी की खेती की लेकिन इस बार एक नई तरह की सब्जी को उगा रहा हूं. जो विदेशों में पाई जाती है. जिसे लोबिया कहा जाता है. यह विश्व की पहली हाइब्रिड सब्जी है. उन्होंने कहा कि जब इसके कंपनी के लोग हमसे मिले तो मैं इस चीज को लगाना नहीं चाह रहा था, लेकिन उन्होंने काफी रिक्वेस्ट की तो उनके रिक्वेस्ट पर मात्र 200 बीज लगाया. जिसके लिए चार कट्ठा जमीन की आवश्यकता पड़ी. इसमें लगभग कुल लागत 10 हजार रुपया लगा. लेकिन जब इसके फलन को देखा तो मन गदगद हो गया.

यह 8 महीने की सब्जी होती है

अभी यह आसानी से ₹50 किलो बाजार में बिक जाते हैं. रोजाना 25 से 30 किलो इसको तोड़ लेता हूं. यह 8 महीने की सब्जी होती है. जब तक पछिया हवा नहीं चलती है तब तक आप इसको तोड़ सकते हैं. उन्होंने बताया कि सबसे खास बात यह है कि यह टूटने के बाद भी 5 दिनों तक खराब नहीं होती है. जिससे किसान के साथ-साथ व्यापारी को भी इसके अच्छे दाम मिल जाते हैं. उन्होंने बताया कि अगर कोई किसान इसको करना चाहता है तो वह हमसे संपर्क कर सकता है. हम उसको इसकी जानकारी जरूर दे देंगे. साथ ही खेती की सब्जी में थोड़ी रिस्क जरूर होती है लेकिन बिना रिस्क लिए आप गेन नहीं कर सकते हैं.

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