इस किसान ने गन्ना और आलू की एक साथ की खेती, जानें कहां से मिला आइडिया

अंकित कुमार सिंह/सीवान: बिहार के सीवान में नए तरीके से किसान अब खेती करने लगे हैं. जिससे उनकी एक अलग पहचान बनती जा रही है. गन्ने की खेती में लाभ का दायरा बढ़ाने और गन्ने की उपज से अतिरिक्त आय कमाने के लिए इंटरक्रॉपिग यानी सहफसली खेती बेहतर विकल्प साबित हो रहा है. ऐसे हीं किसान गोरख सिंह और शालेंद्र कुमार सिंह है. जिन्होंने एक हीं खेत में गन्ना के साथ-साथ आलू की भी खेती की है. इससे एक खर्च और मेहनत में एक साथ दो फसल निकलेंगे.

गन्ना और आलू की खेती ने अन्य किसानों को चौंकाया

दरअसल, गोरख सिंह सीवान जिला के बिष्णुपुरा गांव के रहने वाले हैं. ये समय- समय पर कई अद्भुत व अजब-गजब तरीके से खेती कर अन्य किसानों और लोगो को चौंका देते हैं. इस बार इन्होंने पांच कट्ठे में एक साथ गन्ना और आलू की खेती कर किसानों को चौंका दिया है.

पांच कट्ठे की खेती करने में 6 से 7 रुपए तक खर्च आया है. किसान को इस तरह की खेती से डबल मुनाफा होगा. वहीं अन्य किसानों का मानना है कि अमूमन आलू की खेतीसरसो, मटर, मक्का, पालक, मुली के साथ किया जाता है, लेकिन गन्ना के साथ आलू की खेती होते नहीं देखा है. यह अपने आप मे हीं अनोखा है.

कुछ अलग करने की जनून से आया आइडिया

गोरख सिंह के बेटे शैलेंद्र सिंह बताते हैं कि खेती में समय-समय पर कुछ न कुछ अलग करते रहते हैं. उन्होंने बताया कि पिता गोरख सिंह पशुपालन विभाग में लिपिक रहे हैं. वे कई तरह की खेती उत्तर प्रदेश में देखे है. इन्हें एका-एक ख्याल आया कि अलग-अलग खेत में गन्ना और आलू की रोपाई करने से बढ़िया रहेगा कि एक हीं खेत में एक साथ किया जाए और हुआ भी ऐसा हीं. इससे यह फायदा हुआ कि एक हीं खर्च में दोनों फसल की रोपाई हो गयी. मेहनत भी ज्यादा नहीं लगा. साथ हीं एक हीं प्रकार के खाद से दोनों फसलें तैयार हो जाएगा.

इंटरक्रॉपिंग खेती में दो से तीन फीट की दूरी पर बोई जाती है फसलें

शैलेंद्र सिंह बताते हैं कि गन्ना-आलू इंटरक्रॉपिंग खेती में गन्ने को दो से तीन फीट की दूरी पर बोया जाता है. बीच में एक से दो पंक्तियों में आलू बोया जाता है. गन्ना नाली व गड्डा विधि से बोया जाता है. गन्ना-आलू की सहफसली खेती से दोनों फसलों की पैदावार बढ़ जाती है. इस प्रकार आलू की फसल से प्रति एकड़ 35 से 40 हजार की अतिरिक्त आय प्राप्त होगी.

गन्ने की उन्नत विधि से खेती करें तो 12 महीने बाद प्रति एकड़ 35 से 38 टन गन्ने की उपज मिलती है. गन्ने में इंटरक्रॉपिंग के रूप में शरद कालीन गन्ने में आलू, राजमा, सरसों, गेहूं, मटर और प्याज की खेती की जा सकती है.तीन से चार महीने के अंदर 40 से 50 हजार की अतिरिक्त आमदनी मिल जाती है.

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