वीरेंद्र सहवाग ने टेस्ट क्रिकेट में बल्लेबाजी के आयाम को पूरी तरह से बदल दिया यह जग जाहिर है लेकिन पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने मंगलवार को जोर देते हुए कहा कि दिल्ली के इस बल्लेबाज ने ऐसा उस समय किया जब विश्व स्तरीय गेंदबाजों की मौजूदगी में खेल ‘काफी मजबूत’ था. सहवाग, डायना इडुल्जी और अरविंद डिसिल्वा को सोमवार को आईसीसी क्रिकेट हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया. गांगुली ने सहवाग की सराहना करते हुए पत्र लिखा है जिससे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने साझा किया है जिसमें पूर्व भारतीय कप्तान ने कहा, ‘जो चीज आपको विशेष बनाती है वह आपकी बल्लेबाजी का तरीका है. आपने टेस्ट क्रिकेट में शीर्ष पर बल्लेबाजी के आयाम को बदला.’
उन्होंने कहा, ‘तब यह अलग युग था. 2000 के दशक की शुरुआत में टेस्ट क्रिकेट दुनिया भर में स्तरीय खिलाड़ियों की मौजूदगी में काफी मजबूत था, लेकिन आपने टेस्ट क्रिकेट में बल्लेबाजी की कला को पूरी तरह से बदल दिया.’ भारतीय क्रिकेट बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, ‘जो पारी इसे साबित करती है वह आपके श्रीलंका के खिलाफ 2009 में बनाए 293 रन है. टेस्ट क्रिकेट में एक दिन में इतने रन बनाना और वह भी उस आक्रमण के खिलाफ जिसमें मुथैया मुरलीधरन शामिल हो, यह दर्शाता है कि आप क्या करने में सक्षम हो.’
गांगुली ने कहा, ‘आपने विभिन्न प्रारूपों में खेलने का लुत्फ उठाया और आप एकदिवसीय क्रिकेट में अच्छे थे लेकिन मुझे लगता है कि आप टेस्ट क्रिकेट में और बेहतर थे.’ गांगुली ने कहा, ‘आप इसे सभी परिस्थितियों में कर सकते थे और मुल्तान में आपका तिहरा शतक मेरी पसंदीदा पारियों में से एक है. आपने 200 तक पहुंचने के लिए छक्का मारा और फिर 300 तक पहुंचने के लिए भी वैसा ही किया – और आपने हमें बताया था कि आप ऐसा करने जा रहे हैं.’ बता दें कि इस आक्रामक सलामी बल्लेबाज ने भारत के लिए 104 टेस्ट, 251 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय और 19 टी20 अंतरराष्ट्रीय खेले और वह 2011 एकदिवसीय विश्व कप तथा 2007 टी20 विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा रहे
गांगुली ने कहा कि आईसीसी ने हॉल ऑफ फेम में शामिल करने के लिए बिलकुल सही व्यक्ति को चुना है. उन्होंने टीम के अपने पूर्व साथी को दिग्गज क्रिकेटर और सुनील गावस्कर के बाद संभवत: सर्वश्रेष्ठ सलामी बल्लेबाज करार दिया. पूर्व भारतीय कप्तान ने याद किया कि शुरुआत में विफल रहने के बाद सहवाग ने कैसे भारतीय टीम में मजबूत वापसी की. सौरव ने कहा, ‘जब आपने टीम में वापसी की तो आप मध्यक्रम के बल्लेबाज थे. आपने कभी सलामी बल्लेबाज नहीं थे लेकिन यह जल्द ही बदलने वाला था.’ गांगुली ने कहा, ‘‘हमने आपको यह जिम्मेदारी इसलिए दी क्योंकि हम मध्यक्रम में आपके लिए जगह नहीं बना सके और साथ ही हम जानते थे कि आपकी क्षमता वाला खिलाड़ी बेंच पर बैठा नहीं रह सकता.’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे याद है जब मैंने आपसे कहा था कि आपको पारी की शुरुआत करने की कोशिश करनी चाहिए तो आप अनिश्चित थे क्योंकि आपने ऐसा कभी नहीं किया था. मेरा मानना है कि कोई भी किसी विशेष स्थान पर बल्लेबाजी करने के लिए पैदा नहीं हुआ है और आप अपने पास मौजूद प्रतिभा के कारण ऐसा कर सकते हैं’