अनूप पासवान/कोरबाः सरकार ने लोगों की सुविधा के लिए नि:शुल्क 108 संजीवनी एक्सप्रेस एंबुलेंस की सुविधा राज्यभर में उपलब्ध कराई है. इस एंबुलेंस के माध्यम से किसी भी मरीज को तत्काल अस्पताल पहुचाया जाता है. मरीज के अस्पताल में भर्ती होते ही अस्पताल प्रबंधन की जिम्मेदारी शुरू हो जाती है. उसके बाद अस्पताल का पूरा स्टाफ मरीज की देखभाल में लग जाता है, लेकिन जब मरीज लावारिस होते हैं तब सबसे बड़ी परेशानी तब आती है.
अस्पताल स्टाफ की अनोखी पहल
कोरबा जिले के मेडिकल कॉलेज में लावारिस मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. 108 नंबर पर फोन बजते ही संजीवनी एक्सप्रेस मौके पर पहुंचे मरीज को मेडिकल कॉलेज अस्पताल छोड़ देती है, जिसके बाद वहां की स्टाफ मरीज की देखभाल में लग जाते हैं. अस्पताल में कई मरीज ऐसे आते हैं जिनका कोई नहीं होता और मानसिक रूप से बीमार भी होते हैं. ऐसे में अस्पताल के स्टाफों के द्वारा मानव सेवा का परिचय देते हुए लावारिस और मानसिक लोगों का उचित देखभाल करते हैं. पूरी तरह स्वस्थ हो जाने के बाद उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया जाता है.
लावारिस लोगों की हो रही देखभाल
कोरबा के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कार्यरत वार्ड बॉय के सागर ने बताया कि कुछ ऐसे मानसिक रोगी आते हैं, जिनका कोई नहीं होता और भी बहुत ही बुरी अवस्था में होते हैं. जिन्हें पूरी तरह स्वच्छ करने के साथ बेहतर उपचार दिया जाता है. इस दौरान मरीज के परिजनों की पतासाजी भी की जाती है. नहीं मिलने पर मरीज को एक सामाजिक संगठन के द्वारा चलाई जाने वाले आश्रम पहुंचाया जाता है, जहां वह आराम से रह सकता है.
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FIRST PUBLISHED : October 5, 2023, 17:41 IST