इस अनोखे गणेश पंडाल को देखकर खुश हो जाएगा दिल, बप्पा दे रहे हैं ये खास संदेश

मेघा उपाध्याय/इंदौर. देशभर में गणेश उत्सव की धूम है. सभी अपने-अपने तरीके से भगवान गणेश का स्वागत कर रहे हैं. मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में भी अलग-अलग जगह पर गणेश स्थापना की गई है और वहां सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन हो रहा है. साथ ही पंडाल में अनोखे थीम पर डेकोरेशन किया गया है. जिसमें से MT क्लॉथ मार्केट में हुआ पंडाल का डेकोरेशन सभी को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है. आमतौर पर पंडाल को टेंट या फिर फूलों से सजाया जाता है, लेकिन यहां खाने की पत्तलों से सजाया गया है, जिसके पीछे का मकसद एक शानदार सामाजिक संदेश देना है.

दरअसल, आधुनिकता के युग में हम अपनी संस्कृति को कहीं ना कहीं पीछे छोड़ रहे हैं, जिसमें खान-पान की सभ्यता भी शामिल है. जहां एक ओर पहले के जमाने में किसी भी कार्यक्रम में जमीन पर बैठकर पत्तों से बनी डिस्पोजल थालिया, जिन्हें पत्तल कहा जाता है उनमें खाने को परोसा जाता था. ये सेहत के साथ-साथ स्वाद तो दोगुना करती थीं, लेकिन पर्यावरण की सुरक्षा को भी सुनिश्चित करती थीं. आज के समय में प्लास्टिक और ऐसे पदार्थ से बनी प्लेट का इस्तेमाल किया जाता है जो सेहत और पर्यावरण दोनों के साथ खिलवाड़ कर रही हैं, इसीलिए जितने भी लोग पंडाल में दर्शन के लिए आ रहे हैं उनके तक यह बात पहुंचाई जा रही है.

सराफा में आज भी इस्तेमाल की जाती है इसी तरह की पत्तल
जैसा कि हम सब जानते हैं कि इंदौर खानपान के लिए मशहूर है, इसीलिए यहां इस संदेश को लोगों तक पहुंचाने का सबसे सही तरीका है. इंदौर में आज भी सराफा बाजार की दुकानों में इन्हीं पत्तों से बनी थालियों में व्यंजन परोसा जाता है और यही संदेश पूरे विश्व में पहुंचाने के लिए गणपति पंडाल को इनसे सजाया गया. हालांकि रोज यहां पर अलग-अलग तरह के पंडाल का निर्माण किया जा रहा है जो कई तरह के सामाजिक संदेश लोगों तक पहुंचाने में मदद करेगा.

हर एक सामग्री को होगी री-यूज़
आपको बता दें कि यह सभी पत्तलें कूड़े कचरे में नहीं फेंकी जाएगी, बल्कि इन्हें इतनी साफ सफाई से पंडाल में लगाया गया है कि बाद में जब इन्हें निकाला जाएगा तो अनंत चतुर्दशी के दिन होने वाले भंडारे में इनका इस्तेमाल किया जाएगा.

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