अभिलाष मिश्रा/ इंदौर. देवी अहिल्या की नगरी इंदौर अपने प्राचीन मंदिरों के लिए जाती है. इंदौर में मौजूद चिंतामणि गणेश मंदिर 300 वर्षों से भी अधिक पुराना है. सबसे विशेष बात यह है कि यह एक मात्र मंदिर है, जहां गर्भगृह में एक साथ दो गणपति विराजते हैं. मंदिर के गर्भगृह में दो गणपति की मूर्तियां एक साथ विराजमान हैं. जिनमें एक प्रतिमा की सूड बायीं ओर और दूसरी प्रतिमा की सूड दायीं ओर है.
मंदिर के मुख्य पुजारी ने बताया कि यह गणेश मंदिर 300 वर्षों से ज्यादा प्राचीन है. मंदिर के बारे में मान्यता है कि मंदिर में हल्दी की गांठ चढ़ाने से हर मनोकामना पूरी होती है. उन्होंने बताया कि यह मंदिर होल्कर कालीन है, जिससे लोगों की भारी आस्था जुड़ी हुई है.
ये है मंदिर की प्राचीन परंपरा
मंदिर में हल्दी की गांठ चढ़ाने की परंपरा भी काफी प्राचीन है. यहां मंदिर के गर्भ गृह में दो गणपति एक साथ विराजमान हैं. इसलिए भक्तों की अर्जी जल्दी सुनी जाती है और भक्तों की मनोकामना जल्दी पूरी होती है. बता दें कि यह गणेश मंदिर काफी प्राचीन है जो पूरे क्षेत्र में चिंतामणि गणेश मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है. गर्भ गृह में विराजमान दोनों गणपति की सुंदरता देखकर श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो जाते हैं. बता दें की मंदिर परिसर में ही भगवान राम, लक्ष्मण, मां सीता और भगवान हनुमान भी विराजमान हैं.
यह प्राचीन मंदिर इंदौर शहर के जूनी इंदौर में स्थित है. मंदिर के बारे में मान्यता है कि लोकमाता अहिल्याबाई भी इस मंदिर में भगवान गणेश के दर्शन के लिए आई थी. मंदिर के मुख्य पुजारी ने बताया कि भगवान गणेश सभी कार्यों को सिद्ध करने वाले हैं. भगवान गणेश जब प्रसन्न होते हैं तो हर कठिन से कठिन कार्य सफलता से पूर्ण हो जाता है और व्यक्ति के जीवन में सब कुछ शुभ ही शुभ होता है. भगवान गणेश जहां रहते हैं उस स्थान पर रिद्धि सिद्धि अपने आप आती हैं. रिद्धि सिद्धि भगवान गणेश की ही दोनों पत्नियां हैं. इसलिए भगवान गणेश जहां भी जाते हैं. रिद्धि सिद्धि भी वहां अपने आप पहुंच जाती हैं.
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FIRST PUBLISHED : September 14, 2023, 14:16 IST