इस्लामाबाद :
इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ (Nawaz Sharif) को बड़ी राहत दी है. उनके वकील ने कहा कि उच्च न्यायालय ने पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) प्रमुख नवाज शरीफ के खिलाफ भ्रष्टाचार के दो मामलों, अल-अजीजिया और एवेनफील्ड में उनकी दोषसिद्धि के खिलाफ दायर अपील को स्वीकार कर ली है. इस फैसले से नवाज शरीफ को अपनी सजा के खिलाफ उच्च न्यायालय में चुनौती देने की अनुमति मिल जाएगी, जो 2017 में प्रधानमंत्री पद से उनके हटने के बाद से लंबित है.उनके वकील ने इस बात की जानकारी दी है.
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जनवरी में संभावित आम चुनावों में हिस्सा लेने के लिए नवाज शरीफ अपना नाम केस से हटवाना चाहते हैं. उनके वकील अमजद परवेज ने कहा, अदालत ने अपीलों को स्वीकार कर लिया है, जो दोषसिद्धि के खिलाफ लड़ने का एक तरीका है.
चार साल के आत्म-निर्वासन के बाद स्वदेश लौटे नवाज शरीफ
नवाज शरीफ लगभग चार साल के आत्म-निर्वासन के बाद 21 अक्टूबर को लंदन से पाकिस्तान लौट आए. स्वदेश लौटने के बाद शरीफ अपने छोटे भाई और पीएमएल-एन अध्यक्ष शहबाज शरीफ के साथ दूसरी बार उच्च न्यायालय में पेश हुए.उन्हें इस सप्ताह की शुरुआत में 26 अक्टूबर तक सुरक्षात्मक जमानत दी गई थी, जिससे उनकी गिरफ्तारी रोक दी गई थी. अदालत ने जमानत के फैसले पर कोई नया फैसला नहीं दिया.
अल-अजीजिया और एवेनफील्ड भ्रष्टाचार मामले में दोषसिद्धि के खिलाफ अपील बहाल
बता दें नवाज शरीफ को अल-अजीजिया स्टील मिल्स भ्रष्टाचार मामले में दोषी ठहराया गया था और दिसंबर, 2018 में सात साल जेल की सजा सुनाई गई थी. उन्हें जुलाई, 2018 में एवेनफील्ड संपत्ति मामले में एक अदालत द्वारा भी दोषी ठहराया गया था और 10 साल जेल की सजा सुनाई गई थी.
उच्च न्यायालय ने दिसंबर 2020 में दोनों मामलों में नवाज शरीफ को भगोड़ा अपराधी घोषित कर दिया. उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और जेल में डाल दिया गया, लेकिन जमानत मिलने के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया, जबकि दोषसिद्धि के फैसले के खिलाफ उनकी अपील लंबित थी. हालांकि, अल-अजीजिया और एवेनफील्ड भ्रष्टाचार मामले में दोषसिद्धि के खिलाफ नवाज शरीफ की अपील बहाल कर दी गई है.