इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने अपनी आत्मकथा प्रकाशित नहीं करने का निर्णय लिया

इससे पहले दिन में, सोमनाथ ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा था कि किसी संगठन में शीर्ष पद तक पहुंचने की यात्रा के दौरान प्रत्येक व्यक्ति को किसी न किसी तरह की चुनौतियों से गुजरना पड़ता है और उन्होंने भी जीवन में ऐसी कठिनाइयों का सामना किया है. 

तब सोमनाथ उस रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया दे रहे थे, जिसमें दावा किया गया है कि इसरो प्रमुख की आत्मकथा में उनके पूर्ववर्ती सिवन के बारे में कुछ आलोचनात्मक टिप्पणियां की गई हैं. 

सोमनाथ ने कहा, ‘‘ऐसे प्रमुख पदों पर रहने वाले व्यक्तियों को कई चुनौतियों से गुजरना पड़ सकता है. उनमें से एक संगठन में पद पाने संबंधी चुनौतियां भी हैं.”

उन्होंने कहा कि ये ऐसी चुनौतियां हैं, जिनसे हर किसी को गुजरना पड़ता है. 

इसरो प्रमुख ने कहा, ‘‘एक महत्वपूर्ण पद के लिए अधिक व्यक्ति पात्र हो सकते हैं. मैंने बस उस विशेष बिंदु को सामने लाने की कोशिश की. मैंने इस संबंध में किसी व्यक्ति विशेष को निशाना नहीं बनाया.”

सोमनाथ ने स्वीकार किया कि उन्होंने अपनी पुस्तक में चंद्रयान-2 मिशन की विफलता की घोषणा के संबंध में स्पष्टता की कमी का उल्लेख किया है. 

इसरो अध्यक्ष ने दोहराया कि उनकी आत्मकथा उन लोगों को प्रेरित करने का एक प्रयास है, जो जीवन में चुनौतियों और बाधाओं से लड़कर कुछ हासिल करना चाहते हैं. 

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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