इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने शनिवार को जीएसएलवी-एफ14/इनसैट-3डीएस उपग्रह के सफल प्रक्षेपण के बाद कहा कि अंतरिक्ष एजेंसी चंद्रयान-3 की सफलता के बाद भविष्य में चंद्रयान-4, 5, 6 और 7 मिशन भेजना चाहती है.
सोमनाथ ने कहा, ‘‘हम इस पर काम कर रहे हैं कि चंद्रयान-4 अंतरिक्ष यान में क्या-क्या होना चाहिए. पहला सवाल यह है कि चंद्रयान-4 में (उपकरण के रूप में) क्या-क्या होना चाहिए….”
सोमनाथ ने कहा कि यह देखते हुए कि योजना कुछ अलग करने की है, ‘‘पहली चीज हमने यह तय की कि चंद्रयान-4 के जरिये चंद्रमा की मिट्टी का नमूना पृथ्वी पर लाया जाए. हम इसे रोबोटिक तरीके से करना चाहते हैं. इसलिए, यही चर्चा चल रही है.”
उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी इस चर्चा में शामिल हैं कि उपलब्ध रॉकेटों के साथ यह काम कैसे किया जाए. आप जानते हैं कि चंद्रमा पर जाना, नमूना लाना बहुत जटिल काम है….”
अंतरिक्ष विभाग के सचिव ने कहा कि वैज्ञानिक चंद्रयान-4 मिशन के लिए एक उच्च स्तरीय प्रौद्योगिकी विकसित करेंगे.
उन्होंने कहा, ‘‘इस मिशन को पूरा करने के लिए हम उच्च प्रौद्योगिकी विकसित कर रहे हैं. सरकार की मंजूरी के बाद हम जल्द ही इस बारे में बताएंगे…. अभी इंतजार करें.”
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अगली पीढ़ी के मौसम पूर्वानुमान उपग्रह के सफल प्रक्षेपण के लिए इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई दी.
शाह ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘तीसरी पीढ़ी का उपकरण प्राकृतिक आपदाओं का मुकाबला करने में भारत को और मजबूत बनाएगा. यह हर आपदा में, किसी के भी हताहत नहीं होने संबंधी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के संकल्प को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है.” केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरेन रीजीजू ने कहा कि यह उपग्रह मौसम पूर्वानुमान को बेहतर करेगा.
रीजीजू ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि यह उपग्रह मौसम संबंधी सेवाओं में परिवर्तन लाएगा, मौसम पूर्वानुमान और आपदा तैयारियों को बढ़ाएगा. उन्होंने कहा कि यह राष्ट्र के लिए गर्व का क्षण है.
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