इस्लामाबादः पाकिस्तान में फरवरी में होने वाले आम चुनाव से पहले राजनीतिक हत्याएं दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं. वहीं पाकिस्तान प्रशासन पूरी तरह इमरान खान और उनकी पार्टी के खिलाफ खड़ा नजर आ रहा है. पूर्व पीएम इमरान खान की पार्टी के एक नेता की गोली मारकर हत्या कर दी गई. वहीं एक अन्य उम्मीदवार पर ताबड़तोड़ हमला किया गया. इसके अलावा इमरान खान की पार्टी के पूर्व सांसद को हाईकोर्ट में पीट दिया गया.
इमरान खान की पार्टी के उम्मीदवार की हत्या
पाकिस्तान में होने वाले चुनाव में पाकिस्तान प्रशासन इमरान खान की पार्टी तहरीके इंसाफ के खिलाफ एक तरफा खड़ा नजर आ रहा है. गत दिवस इमरान खान की पार्टी की नेता और बिजनेसमैन शाह खालिद की गोली मारकर हत्या कर दी गई, वह छोटा लाहौर के रहने वाले थे. हमलावर एक मोटरसाइकिल पर आए थे और उन्होंने खालिद पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी.
दिलचस्प है कि पुलिस ने इस बाबत कहा कि यह हत्या आपसी रंजिश के कारण हुई है और अपनी एफआईआर में भी पुलिस ने इसी बात का जिक्र किया है. लेकिन यदि यह हत्या व्यक्तिगत दुश्मनी के कारण हुई थी तो फिर वह दुश्मन कौन था और हमलावर कौन थे? इस बारे में पुलिस पूरी तरह से खामोश है.
उम्मीदवार पर ताबड़तोड़ फायरिंग
दूसरे मामले में अज्ञात हमलावरों ने एक अन्य राजनीतिक पार्टी जमीयत उलेमा ए इस्लामएन) के उम्मीदवार कारी महार उल्लाब को निशाना बनाया. अज्ञात हमलावरों ने क्वेटा बलूचिस्तान में आगामी आम चुनाव में चुनाव क्षेत्र पीबी 45 के लिए लड़ रहे इस उम्मीदवार पर गोलियां बरसाई. लेकिन कारी महार इस हमले में बाल-बाल बच गए. अज्ञात हमलावर गोली चलाने के बाद फरार हो गए.
इमरान खान की पार्टी के पूर्व सांसद को पीटा
तीसरे मामले में इमरान खान की पार्टी के पूर्व सांसद फजल मोहम्मद खान को एक दूसरी राजनीतिक पार्टी अवामी नेशनल पार्टी के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारी ने पेशावर हाई कोर्ट में जमकर पीट दिया. फसल मोहम्मद खान ने आगामी नेशनल पार्टी के प्रांतीय अध्यक्ष के खिलाफ एक याचिका हाई कोर्ट के सामने दाखिल की थी, जिसके आधार पर हाईकोर्ट ने अवामी नेशनल पार्टी के नेता को तलब किया था. इस बात से नाराज अवामी नेशनल पार्टी के कार्यकर्ताओं ने कोर्ट परिसर में ही इमरान खान की पार्टी के सांसद को जमकर पीटा और पुलिस पूरे मामले में मूक दर्शक बनी रही.

पुलिस ने हमलावरों को नहीं रोका
यहां तक की खुद सुनवाई कर रहे न्यायाधीश को यह कहना पड़ा कि जब तक शांति नहीं होती, वह सुनवाई नहीं करेंगे. इसके बावजूद पुलिस ने हमलावरों को नहीं रोका. इस बात से साफ तौर पर जाहिर है कि पाकिस्तान प्रशासन इमरान खान की पार्टी के खिलाफ सीधे तौर पर एक तरफ खड़ा है.
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FIRST PUBLISHED : January 12, 2024, 13:15 IST