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सौरभ तिवारी भी संन्यास लेने वाले खिलाड़ियों में से एक हैं
एक तरफ टीम इंडिया (Team India) इंग्लैंड के खिलाफ जलवा बिखर रही है, तो दूसरी तरफ जारी रणजी ट्रॉफी सीजन (Ranji Trophy 2024) में विशेष छाप छोड़ने वाले पांच खिलाड़ियों ने खेल को अलविदा कह दिया है. रणजी ट्रॉफी का लीग चरण खत्म हो चुका है. और अब नॉकआउट मुकाबले शुक्रवार से शुरू हो रहे हैं. बहरहाल, खेल को अलविदा कहने वाले खिलाड़ियों में बंगाल के दिग्गज मनोज तिवारी, झारखंड के बल्लेबाज सौरभ तिवारी और तेज गेंदबाज वरुण एरॉन, मुंबई के धवल कुलकर्णी और विदर्भ के रणजी ट्रॉफी विजेता कप्तान फैज फजल शामिल हैं. ये पांचों वो खिलाड़ी रहे हैं, जिन्होंने कभी न कभी टीम इंडिया का नेतृत्व किसी न किसी फॉर्मेट में किया.
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इन सभी खिलाड़ियों ने संन्यास लेने के अलग-अलग कारण बताए हैं जिनमें इंडियन प्रीमियर लीग का अनुबंध नहीं होना तथा राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने की उम्मीद समाप्त होना है. इन कारणों से ये खिलाड़ी दूसरे काम या फिर राजनीति से जुड़ना चाहते हैं. एरॉन, मनोज और फजल ने उसी मैदान पर अपने करियर को अलविदा कहा जिसमें उन्होंने अपनी यात्रा की शुरुआत की थी. इन खिलाड़ियों की घरेलू क्रिकेट में निश्चित तौर पर कमी खलेगी.
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बंगाल के मनोज तिवारी ने सोमवार को बिहार के खिलाफ अपनी टीम को जीत दिलाकर अलविदा कहा. यह 38 वर्षीय खिलाड़ी 19 वर्ष तक अपने राज्य की तरफ से खेलता रहा और उन्होंने पिछले सत्र में बंगाल को रणजी ट्रॉफी फाइनल में पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई थी. इस आक्रामक बल्लेबाज के नाम पर प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 10000 से अधिक रन दर्ज हैं.
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इसी तरह से तेज गेंदबाज आरोन और आक्रामक बल्लेबाज सौरभ तिवारी के संन्यास लेने से झारखंड की टीम में बड़ा शून्य पैदा हो गया है. सौरभ 17 साल तक झारखंड की टीम की तरफ से खेले. उन्होंने 115 प्रथम श्रेणी मैच में 8030 रन बनाए, जिसमें 22 शतक और 34 अर्धशतक शामिल हैं. उन्होंने कहा,‘मेरा मानना है कि अगर आपको राष्ट्रीय टीम या आईपीएल में जगह नहीं मिलती है तो फिर युवा खिलाड़ियों के लिए जगह छोड़ने का यह सही समय है.’ भारत के सबसे तेज गेंदबाजों में से एक वरुण एरॉन लगातार चोटिल होने के कारण अपनी क्षमता के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाए. उनके नाम पर प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 66 मैच में 173 विकेट शामिल हैं.
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Photo Credit: BCCI
वहीं, फैज फजल 21 वर्ष तक विदर्भ की तरफ से खेले, इस सलामी बल्लेबाज की अगुवाई में विदर्भ ने 2018 में रणजी ट्रॉफी जीती थी. उस सत्र में उन्होंने अपनी टीम की तरफ से सर्वाधिक रन बनाए थे. उनके नाम पर प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 9183 रन दर्ज हैं. फजल ने भारत की तरफ से 2016 में जिंबॉब्वे के खिलाफ एक वनडे मैच खेला था जिसमें उन्होंने नाबाद 55 रन बनाए थे. मुंबई के कुलकर्णी को अपनी स्विंग, मूवमेंट और सटीक गेंदबाजी के लिए जाना जाता है. वह घरेलू क्रिकेट के सबसे विश्वसनीय तेज गेंदबाजों में शामिल रहे हैं. कुलकर्णी ने 17 साल तक चले अपने घरेलू करियर में कई यादगार प्रदर्शन किये. इस 35 वर्षीय तेज गेंदबाज ने 95 प्रथम श्रेणी मैच खेले जिनमें 27.31 की औसत से 281 विकेट लिए.