इन महिलाओं के जज्बे को सलाम,खुद का बिजनेस से कमा रही लाखों रुपये

रामकुमार नायक/महासमुंदः छत्तीसगढ़ में ऐसे कई समूह हैं, जिसमें महिलाएं जुड़कर स्वावलंबन की राह पर अग्रसर हो रही हैं. महासमुंद विकासखंड के ग्रामीण अंचल की महिलाएं स्व-सहायता समूह से जुड़कर सामाजिक और आर्थिक उत्थान की मिसाल पेश कर रही हैं. बिहान योजना से जुड़ी महिलाएं विभिन्न आजीविका को अपने रोजगार का साधन बना रही हैं. ग्राम पंचायत शेर की सुआ महिला स्वयं सहायता समूह की महिलायें खेत-खलिहानों और बागड़ काम में आने वाली विभिन्न प्रकार की लोहे के तार की जाली का निर्माण कर रही हैं.

स्वयं-सहायता समूह की महिलाओं के जज्बे के आगे अब लोहा भी नतमस्तक होता प्रतीत हो रहा है. महिलाएं अपने कोमल हाथों से अपनी और परिवार की अच्छी परवरिश आजीविका के रूप में फेंसिंग तार जाली का निर्माण कर रही हैं. इस समूह के द्वारा अब तक 2000 बंडल तार जाली का निर्माण कर लिया गया है, जिसको सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं में बेचकर लगभग 6 लाख रुपए कमा चुकी है. समूह की महिलाएं बताती हैं, कि समूह में जुड़ने से पहले किसी दूसरे के यहां तार जाली बनाने का कार्य करने जाती थी. तकरीबन दो साल पहले बिहान के अंतर्गत समूह से जुड़ने लिए प्रेरित किया गया और समूह से जुड़कर महिलाएं कैसे आत्मनिर्भर बन सकती हैं, कैसे खुद का व्यवसाय शुरू कर सकती हैं, सबकी जानकारी मिली.

लाखों का हो रहा मुनाफा
महासमुंद जिले के ग्राम पंचायत शेर में 11 महिलाएं ने मिलकर सुआ महिला स्वयं-सहायता समूह का गठन किया है. जिसके बाद समूह को आरएफ की राशि 15000 रुपए अनुदान के रूप में दिया गया. साथ ही 2 लाख का ऋण भी समूह को दिया गया. अन्य के यहां से तारजाली कार्य सीखने के बाद स्वयं का तार जाली बनाने का काम शुरू किया. प्राप्त ऋण से मशीन और संबंधित सामग्री खरीदी और उत्पादन करना शुरू किया. बिहान योजना से मिले सहयोग की वजह से आज महिलाएं आत्मनिर्भर बनी हैं.

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FIRST PUBLISHED : September 13, 2023, 16:19 IST

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